कोरोना महामारी की दूसरी लहर से 'भयानक' स्थिति बनी हुई है. तमाम सख्तियों के बावजूद संक्रमण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. आलम यह है कि चार दीवारी के अंदर रहने वाले लोग भी इस घातक वायरस की चपेट में आ चुके हैं. देश की तमाम जेलों के अंदर कैदी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, यहां तक की कई कैदियों ने कोरोना की वजह से जान भी गवां दी है. हालांकि इस बीच जेल में कैदियों की स्थिति के मद्देनजर देश की सर्वोच्च ने बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जेलों से कैदियों की संख्या घटाने के लिए अहम आदेश दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य पिछले साल जारी निर्देश का पालन करें. जिन कैदियों को पिछले साल छोड़ा था, उनकी फिर अंतरिम रिहाई हो. जिनको पेरोल मिली थी, उन्हें फिर 90 दिन के लिए छोड़ा जाए. कोर्ट ने इसके साथ ही ये भी साफ किया है कि बहुत जरूरी मामलों में ही गिरफ्तारी होनी चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नियुक्त कमेटी से कहा है कि नए कैदी जो सशर्त रिहाई की योग्यता रखते हैं, उनकी रिहाई पर भी विचार हो.
गौरतलब है कि जेलों में कैदियों के संक्रमित होने और कुछ कैदियों के मरने की खबर के बाद इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. जिसके बाद से जेलों में कोरोना के हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट कैदियों को जमानत पर रिहा करने पर विचार कर रहा था. कोर्ट ने कहा था कि आदेश जल्द पारित किया जाएगा. सुनवाई के दौरान CJI एन वी रमना ने कहा कि इस वक्त हालात बहुत खतरनाक हैं. कोरोना की दूसरी लहर पिछली बार के मुकाबले इस बार ज्यादा परेशान करने वाली है. बता दें कि पिछली बार भी कुछ खास कैटेगरी के कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे.
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उधर, देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ जेल में पहले ही कैदियों को पेरोल पर रिहा करने की तैयारी हो चुकी है. शुक्रवार को कोरोना के केस बढ़ने की वजह से तिहाड़ जेल प्रशासन ने करीब 4 हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया. तिहाड़ जेल से इन कैदियों को 90 दिन की अंतरिम जमानत पर छोड़ा जाएगा. तिहाड़ जेल में 10 हजार 26 कैदियों की क्षमता है, लेकिन फिलहाल 19 हजार 679 कैदी यहां बंद हैं. जेल में कोरोना संक्रमण की सेकेंड वेब के चलते 300 से ज्यादा कैदी और 100 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं. इतना ही नहीं, बीते हफ्ते में 5 कैदियों की कोविड से मौत हो चुकी है. इसलिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह फैसला लिया गया है, ताकि जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा सके.
HIGHLIGHTS
- पेरोल पर जेलों से रिहा होंगे कैदी
- 90 दिन की पेरोल पर होंगे रिहा
- कोरोना के मद्देनजर SC का आदेश