अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने से से पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्र सरकार बेहद सजग है. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक की और मंत्रियों को नसीहत दी कि उकसाने वाली बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले देश में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा रही है.
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सूत्रों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि अयोध्या मामले पर बेवजह बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने अयोध्या विवाद पर आने वाले फैसले को लेकर देश में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की. अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मोदी सरकार ने सभी सांसदों और मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने को कहा है. साथ ही फैसले के कुछ दिनों बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मुद्दे पर फैसले की घड़ियां जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं वैसे ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था कायम रखने वाली एजेंसियां भी पूरी तरह से मुस्तैद हो रही हैं. पुलिस मुख्यालय ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील 34 जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी निर्देश जारी कर दिए हैं. इन जिलों में मेरठ, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, बरेली, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और आजमगढ़ आदि शामिल हैं.
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अयोध्या राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने संपर्क अभियान शुरू कर दिया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठकों का मकसद है कि फैसला कुछ भी आए, सांप्रदायिक सौहार्द्र नहीं बिगड़ना चाहिए. संघ के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ऐसी एक दर्जन बैठकें करने की तैयारी हैं. संघ हर प्रांत में भी इस तरह की बैठकें कर रहा है, जिसमें संघ और बीजेपी नेताओं के साथ मुस्लिम धर्मगुरु और कौम की अन्य हस्तियां हिस्सा ले रही हैं.