महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. शीर्ष अदालत ने भी इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है. इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि परियोजना में भूमि उपयोग को लेकर एक अवैध बदलाव किया जा रहा है. इनमें अदालत से परियोजना को रद्द करने का आग्रह किया गया है. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच इस पर फैसला सुनाएगी. यह बेंच तय करेगी कि परियोजना पर आगे काम होगा या नहीं. आपको बता दें कि फिलहाल कोर्ट ने परियोजना के काम पर रोक लगा रखी है.
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बता दें कि 5 नवंबर को शीर्ष अदालत ने इस प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिनमें आरोप लगाया गया था कि भूमि के उपयोग में अवैध रूप से बदलाव किया गया है और अदालत से इस प्रोजेक्ट को रद्द करने का आग्रह किया. याचिकाकर्ताओं ने पुनर्विकास के लिए भूमि उपयोग में बदलाव को लेकर 21 दिसंबर, 2019 को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना को चुनौती दी है.
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क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद परिसर का निर्माण किया जाना है. इसमें संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, उत्तरी और दक्षिणी ब्लॉक की इमारते हैं, जिनमें महत्वपूर्ण मंत्रालय और इंडिया गेट भी हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत 876 सीट वाली लोकसभा, 400 सीट वाली राज्यसभा और 1224 सीट वाला सेंट्रल हॉल बनाया जाना है. केंद्र सरकार एक नए संसद भवन, एक नए आवासीय परिसर का निर्माण करके पुनर्विकास करने का प्रस्ताव कर रही है, जिसमें कई नए कार्यालय भवनों के अलावा प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के कार्यालय भी शामिल होंगे.
Source : News Nation Bureau