सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों के जमावड़ा को देखते हुए तबलीगी जमात की तर्ज पर कोविड संक्रमण फैलने की आशंका जताई है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या किसान कोविड को देखते हुए ज़रूरी एहतियाती कदम उठा रहे हैं. सरकार की ओर से इससे इंकार करने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा, हम चिंतित हैं. ये पिछले साल तबलीगी ज़मात की तरह संक्रमण फैलने का खतरा बन सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने महामारी के दौरान भीड़ को लेकर सरकार से विस्तृत गाइडलाइंस पर अमल सुनिश्चित करने को कहा.
कोर्ट ने ये टिप्पणी निजामुद्दीन मरकज मामले में सीबीआई जांच की मांग की सुनवाई के दौरान की. याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया था कि कैसे कोविड प्रोटोकॉल के बावजूद निजामुद्दीन मरकज में इतनी भीड़ इकट्ठा हो गई, इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. पुलिस अभी तक मौलाना साद को खोज नहीं पाई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही सुनवाई के दौरान किसान प्रदर्शन से भी ऐसे ही हालात पैदा होने की आशंका जाहिर की.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमें बताएं कि क्या हो रहा है? मुझे नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं, किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी यही समस्या उत्पन्न हो सकती है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम हालात के बारे में जानने की कोशिश करेंगे. याचिकाकर्ता के वकील परिहार ने कहा कि मौलाना साद का अभी तक पता नहीं चल पाया है. मौलाना साद के ठिकाने के बारे में कोई बयान नहीं दिया गया.
इस पर सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोविड नहीं फैले. जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें. सीजेआई एसए बोबड़े ने केंद्र से पूछा कि विरोध कर रहे किसान क्या कोविड के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं? आपने मरकज की घटना से क्या सीखा है? कोरोना से बचाव सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है.
Source : News Nation Bureau