महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की निर्मम हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. अर्जी में कहा गया है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकामयाब रही है. लॉकडाउन के बावजूद भीड़ को इकट्ठा होने दिया गया. याचिका में राज्य सीआईडी (CID) से जांच वापस लेने की मांग भी की गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अभी जारी जांच पर रोक लगाने से इंकार किया है. अब इस मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद की जाएगी.
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इस मामले में पुलिस ने तीन और पुलिसकर्मियों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है. इस तरह इस मामले में अब तक 5 पुलिसक्रमी सस्पेंड हो चुके हैं. इससे पहले पालघर हिंसा मामले में महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया था. प्राथमिक जांच में दोनों में को हिंसा न रोक पाने का दोषी ठहराया गया था. वहीं ये भी बताया गया था कि अभी कई और लोगों पर गाज गिर सकती है. महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों की पीट-पीटकर हत्या (Palghar Mob Lynching Case) कर दी गई थी.
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बता दें, इस मामले को लेकर देशभर में गुस्सा उमड़ रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने उद्धव ठाकरे सरकार और पुलिस को साधुओं की हत्या के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. उन्होंने यह भी कहा, समझौतावादी राजनीति के चलते शिवसेना और उद्धव ठाकरे हिदुत्ववादी एजेंडे से भटक गए हैं. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में साधु-संत सुरक्षित नही हैं.
Source : Arvind Singh