Surgical Strike 2 के बाद भारत-पाक सीमा पर हलचल तेज है. LoC पर लगातार दोनों तरफ से फायरिंग हो रही है. इस दौरान अगर गलती से भारत-पाकिस्तान (War Between India and Pakistan) के बीच जंग होती है और उस जंग में दोनों देश अपने सिर्फ आधे परमाणु बम (Atom Bomb) का ही बटन दबा दें तो हिंदुस्तान (India) और पाकिस्तान (Pakistan) में तो एक झटके में ही दो करोड़ दस लाख लोग मारे जाएंगे. इसका असर ना सिर्फ बाकी पड़ोसी मुल्कों बल्कि आधी दुनिया को भी झेलना पड़ेगा.
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अगर भारत और पाकिस्तान में परमाणु युद्ध हुआ तो उसके कुछ नतीजे भयावह हो सकते हैं. भारत की नीति पहले परमाणु हथियारों का उपयोग ना करने की है लेकिन अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा तो भारत को ऐसा करना पड़ेगा. पाकिस्तान के निशाने पर दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, मेरठ आगरा जैसी कोई सैन्य महत्व वाली जगह हो सकती है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं. इनमें डर्टी बम सबसे ज्यादा खतरनाक रेडीयोधर्मी पदार्थ और आवणिक प्रक्षेपास्त्र होता है. अगर परमाणु युद्ध हुआ तो लगभग 12 करोड़ लोग तुरंत प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में कितना और क्या प्रभाव होगा, जानिए पांच प्रभावों को...
पहला प्रभाव
जिस जगह आणविक/परमाणु विस्फोट होगा उस क्षेत्र में तेज चमक के साथ भयानक आग का गोला उठेगा. यह कई किलोमीटर तक सबकुछ जलाकर राख कर देगा. हालांकि यह परमाणु प्रक्षेपास्त्र की क्षमता पर निर्भर होगा. इस विस्फोट से उत्पन्न होने वाली चमक इतनी तेज होगी कि इससे लोग अंधे भी हो सकते हैं.
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आग का गोला वातावरण की सारी हवा अपनी ओर खींच लेगा. इसके संपर्क में आने वाले इंसानों, प्राणियों की मृत्यु बहुत भयानक ढंग से होगी. वे अंदर से जल जाएंगे, भीषण तपिश से उनकी हड्डियां तक गल जाएंगीं. अगर परमाणु बम 6 मेगाटन से ज्यादा हुआ तो इसका परिणाम बहुत ही भयंकर होगा.
दूसरा प्रभाव
परमाणु विस्फोट से निकलने वाले कार्बन से बने बादल थोड़े ही समय में हमले वाले क्षेत्रों के अलावा बहुत बड़े क्षेत्र में फैलकर सूर्यकिरणों को पृथ्वी पर आने से रोकेगा और इन काले बादलों से होने वाली अम्ल वर्षा से लाखों लोग मर सकते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बादल को छंटने में कई साल लग जाते हैं.
तीसरा प्रभाव
परमाणु विस्फोट से ओजोन परत में भारी नुकसान होगा. कार्बन से बने बादल धरती की 25-40 से लेकर 70 फीसद ओजोन परत को नष्ट कर देंगे और इसके बाद अंतरिक्ष से आनी वाली पराबैंगनी किरणों से मानवजाति और वनस्पति के अस्तित्व पर भी गंभीर प्रभाव होंगे. इस परिवर्तन से दुनिया में अम्लीय वर्षा और धूलभरे तूफानों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि होगी.
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चौथा प्रभाव
परमाणु युद्ध के बाद हुए व्यापक विध्वंस और जनहानि के बाद सरकार को फिर से आर्थिक, सामाजिक ढांचा खड़ा करना होगा जिसके लिए कई दशक लग जाएंगे. बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी से अपराध और जातीय संघर्ष बढ़ेंगे, जिससे आंतरिक सुरक्षा और कई समस्याएं खडी हो सकती हैं.
पांचवां प्रभाव
ऐसा माना जाता है कि आर्थिक हानि तो कोई एक बार सह सकता है और उसे आगे चलकर ठीक भी किया जा सकता है लेकिन इस युद्ध में जो अकल्पनीय जनहानि होगी उसका अनुमान लगाना बहुत ही मुश्किल है.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA