26 फरवरी का दिन हर भारतीय के लिए एक ऐतिहासिक पल था, जिसे याद कर के आने वाली पीढ़ियां गौरवान्वित महसूस करेंगी. हमारे भारतीय वायुसेना ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सपूतों को बदला लेते हुए पाकिस्तान पर जमकर बमबारी की. इस हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लगभर 300 आतंकी मारे गए है. भारतीय वायुसेना के करीब 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने आतंकी कैंपों पर हवाई हमला करते हुए 1000 किलोग्राम बम बरसाए थे. तो आइए जानते है कि आखिर वायुसेना ने इस हमले को कैसे दिया अंजाम.
जानें कैसे किया गया एयर स्ट्राइक-
- आजतक के खबर के मुताबिक मंगलवार सुबह करीब 3 बजे के आसपास 12 मिराज 2000 विमानों ने आगरा और बरेली एयरबेस से उड़ान भरी थी. इन फाइटर जेट्स में लेज़र गाइडेड करीब 1000 किलो बम थे. ठीक उसी समय बठिंडा से एक वॉर्निंग जेट ने उड़ान भरी. कुछ मिनटों के अंदर ही आगरा एयरबेस से एक री-फ्यूलिंग टैंकर यानी आसमान में ही विमानों में ईंधन भरने वाला विमान उड़ा.
- इसके बाद एलओसी की करीब पहुंचते ही 12 मिराज चार-चार की टुकड़ी में तीन हिस्सों में बंट गई. जिसमें एक टीम बालाकोट की तरफ बढ़ी और दूसरी पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के चकोटी की ओर गई. वहीं तीसरी टीम ने मुजफ्फराबाद का रुख किया.
- सुबह 3:45 बजे करीब पहली टीम बालाकोट की तरफ बढ़ी, बालाकोट के आतंकवादी कैम्प में वायु सेना ने छह टारगेट तय किए थे. इनमें से हर एक पर बम गिराए गए, इसमें से सबसे बड़ा निशाना जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर अल्फा-3 था.
- हमले में जैश ए मोहम्मद का अल्फा-3 पूरी तरह से तबाह हो गया, जैश के टॉप कमांडर मसूद अहजर का छोटा भाई मौलाना तल्हा रौफ, मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर, मसूद अजहर का साला युसूफ अजहर खान और बालाकोट कैंप का कमांडर मौलाना अमार वायुसेना के निशाने पर थे.
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- 21 मिनट के शौर्य में वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें केल, शारदी, दुधनियाल, अठमुकाम, जूरा, लीपा, पछीबन चाम, काहुता, कोटली, लैंजोट, निकियाल, खुरेटा और मंधौर शामिल हैं.
- भारतीय वायुसेना के विमान एलओसी से करीब 70 किलोमीटर अंदर तक गए और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. जिसमें पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा ट्रेनिंग कैंप तबाह हो गया.
- बताया जा रहा है कि जिस समय भारतीय वायुसेना पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर रहे थे उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वॉर रूम में पल-पल की हरकत पर नजर बनाए हुए थे. पीएम के साथ साथ एनएसए अजित डोवाल, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल बिरेंद्र सिंह धानोआ भी मौजूद थे.
- रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने खुद बालाकोट हमले का मास्टरप्लैन तैयार किया था. इससे ये पता चलता है कि भारत इससे भी बड़ी मुश्किलों या युद्ध जैसे हालातों का सामना करने के लिए बिल्कुल तैयार है.
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बता दें कि भारतीय वायुसेना ने जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का बदला लेते हुए इस बड़ी कार्रवाही अंजाम दिया था. पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को खुली छूट दे दी थी.
Source : News Nation Bureau