बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा पर 76 फीसदी लोग सहमत : सर्वे

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से 12 साल की उम्र तक की बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा वाले अध्यादेश पर मुहर लगाने के बाद लोगों से राय जानने के लिए एक सर्वे कराया गया।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा पर 76 फीसदी लोग सहमत : सर्वे

प्रतीकात्मक

Advertisment

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से 12 साल की उम्र तक की बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा वाले अध्यादेश पर मुहर लगाने के बाद लोगों से राय जानने के लिए एक सर्वे कराया गया।

अध्यादेश पर मुहर लगाने के एक दिन बाद कराए गए इस सर्वे के अनुसार 76 फीसदी लोग रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा से सहमत नजर आए हैं, जबकि 3 फीसदी लोगों का मानना है कि वर्तमान कानून को जस का तस बने रहने देना चाहिए।

लोकल सर्किल द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार 18 फीसदी लोगों ने रेप के दोषियों को बिना पैरोल के जीवन भर उम्रकैद की सजा देने पर सहमति जताई।

यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) अधिनियम, पर नागरिकों की नब्ज टटोलने के लोकल सर्किल ने 6 राष्ट्रव्यापी सर्वे किए, जिसमें उसे 40 हजार से ज्यादा उत्तर प्राप्त हुए।

यह भी पढ़ें: POCSO एक्ट में संसोधन पर दिल्ली HC ने केंद्र से पूछा सवाल, फांसी की सजा से पहले क्या कोई रिसर्च की गई

दूसरे सर्वे में 89 फीसदी लोगों ने अपने-अपने राज्यों में एक ऐसा कानून पारित करने की इच्छा जताई जिसमें छह महीने के भीतर मौत की सजा सुनाई जाए। 

मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश बाल दुष्कर्म के लिए मौत की सजा वाला कानून पारित कर चुके हैं।

यौन उत्पीड़न के मामलों को दर्ज करने के लिए अधिक महिला अधिकारियों को जोड़ने वाले अन्य सर्वे में पाया गया कि 78 फीसदी नागरिक प्रत्येक जिला स्तर पुलिस थाने में कम से कम एक महिला अधिकारी तैनात करने के समर्थन में हैं।

नाबालिग से रेप मामलों में पुलिस द्वारा आरोपपत्र दायर करने में लगने वाले समय के चौथे सर्वे में केवल 28 फीसदी लोगों ने कहा कि इसे 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए जबकि 25 फीसदी ने इसे 45 दिनों के भीतर करने को कहा।

पांचवे सर्वे में पाया गया कि 65 फीसदी लोग चाहते हैं कि पॉस्को न्यायाधीश केवल नाबालिग से यौन दुर्व्यव्हार से संबंधित मामलों को संभालें। 

पॉस्को अधिनियम के तहत नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में न्याय के लिए समय सीमा पर हुए अंतिम सर्वे में 85 फीसदी नागरिकों ने कहा कि छह महीने में न्याय दिया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या में पूजा संबंधी सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार

Source : IANS

ram-nath-kovind kitty party Punishment For Rapist
Advertisment
Advertisment
Advertisment