दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput Case) के मौत के बाद उनके परिवार की तरफ से केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील विकास सिंह (Vikas Singh) ने बुधवार को मीडिया से कहा कि हमने सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर नई फोरेंसिक टीम के गठन का आग्रह किया है. एम्स के रवैया सवालों के घेरे में है. अभी तक हमें रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन टीवी चैनल पर उसको लेकर बयान चल रहे हैं.
वकील विकास सिंह ने कहा कि फोटोग्राफ देखकर सुधीर गुप्ता ने कहा था कि 200 प्रतिशत ये गला दबाकर हत्या की गई है. एम्स के पास सुशांत की बॉडी नहीं थी. उनका जिम्मा कोई निष्कर्ष वाली रिपोर्ट नहीं देना था. उन्हें ये तय नहीं करना था कि सुसाइड है या हत्या है, लेकिन इस रिपोर्ट में की गई टिप्पणी ख़ुद उनकी विश्वनीयता पर सवाल खड़े कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि बिना पर्याप्त विसरा के कैसे नतीजे पर पहुंच गए. साइट पर जाना CBI का काम है, इनका नहीं. सीबीआई को ख़ुद इनके कंडक्ट की जांच करना चाहिए. लिहाजा, हमने सीबीआई निदेशक से नई फोरेंसिक टीम के गठन का आग्रह किया है, ताकि उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे ट्रायल चला सके.
एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि वकील अमरेन्द्र शरण के जरिये मुझे सुधीर गुप्ता मिले थे, वो मेरे पुराने परिचित हैं. सुशांत की मौत के बाद से ही उनसे इस केस को लेकर बात होती रहती थी. हमेशा पहले उन्हें जांच, कूपर हॉस्पिटल की रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे. सुशांत की मौत को सुसाइड करार देना सुधीर गुप्ता के क्षेत्राधिकार का विषय ही नहीं था. ये तो सीबीआई को तय करना है कि सुसाइड है या हत्या...
उन्होंने कहा कि रिया चक्रवर्ती को आज बेल मिली है, ये NCB का केस है. सुशांत का केस इससे बड़ा है. सवाल ये है कि क्या रिया ने सुशांत को ड्रग्स दिया? क्या उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों की जानकारी थी? ये सवाल बड़े हैं. आज NCB के जिस केस में रिया को जमानत मिली है, वो तो इस केस से बहुत छोटा है. सीबीआई निदेशक को पत्र लिखना तो शुरुआत है. आगे ज़रूरत पड़ी तो हम और कदम भी उठाएंगे, लेकिन इस मामले की तह तक ज़रूर जाएंगे.
Source : News Nation Bureau