सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput Case) में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इसी क्रम में सुशांत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने मीडिया से कहा कि परिवार को एहसास है कि जांच एक ऐसी दिशा में ले जाई जा रही है कि सारी चीजें सामने न आए. अगर रिया चक्रवर्ती सिंडिकेट में शामिल है तो उनके खिलाफ गंभीर केस बनता है. एम्स के डॉक्टर ने फोटोग्राफ देखकर बोला था कि ये गला घोंटने का केस है, आत्महत्या का नहीं.
एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि ये समझ नहीं आ रहा है कि CBI इसे हत्या के केस में क्यों नहीं बदल रही है. ऐसा लगता है कि इन्वेस्टिगेशन सही ट्रैक पर नहीं है. सीबीआई ने इतने गंभीर मामले के बावजूद अभी तक कोई प्रेस स्टेटमेंट जारी नहीं किया है. वहीं, NCB जैसे बड़ी फ़िल्म हस्तियों को बुला रही है, उसका कोई औचित्य समझ नहीं आया. ये सबके सब सिंडिकेट में शामिल नहीं हैं. किसी एक आरोपी ( रिया) के बयान के आधार पर इन सबके खिलाफ जांच का औचित्य नहीं है.
वकील विकास सिंह ने आगे कहा कि जांच सही ट्रैक पर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को भी एक महीने से ज़्यादा हो गया है. अभी तक CBI ने रिमांड पर लेने की ज़रूरत नहीं समझी. बिना रिमांड के सच उगलना संभव नहीं होता. इस केस में अगर एम्स के मेडिकल बोर्ड की कोई रिपोर्ट है तो उसे सार्वजनिक होना चाहिए, ताकि हम क़ानून सम्मत कार्रवाई करते.
एडवोकेट ने आगे कहा कि हमें सीबीआई जांच से एतराज नहीं है. हमें CBI जांच में हो रही देरी से परेशानी है. जैसे मुंबई पुलिस परेड करा रही थी, वैसे NCB आजकल परेड करा रही है. सुशांत की मौत का मूल मुद्दा कहीं खो गया है. परिवार को लगता है कि सीबीआई की जांच बहुत धीमें पड़ गई हैं. सीबीआई की टीम एक हफ्ते से ज़्यादा दिल्ली में है, लेकिन उन्होंने एम्स की टीम से अभी तक मुलाकात नहीं की है. जो लोग घर पर हैं, वो सच उगलवाने के लिए सीबीआई कस्टडी में होने चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि ड्रग्स मामले में कोई रिकवरी नहीं है. ऐसे में बड़ी हस्तियों को बुलाकर ऐसा लगता है कि सुशांत केस से मीडिया और लोगों को ध्यान डाइवर्ट किया जा रहा है. सिद्दार्थ पठानी के बदलते बयान, उसके बदलते रुख, सुशांत के गले पर निशान, तमाम परिस्थितियों सबूत... इन सबसे परिवार को हत्या का शक हुआ.
Source : News Nation Bureau