सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले सीबीआई को जांच की मंजूरी देते हुए बिहार में दर्ज एफआईआर को भी सही ठहराया है. साथ ही मुंबई पुलिस को भी जांच में सहयोग करने की बात कही है. क्या है इस फैसले के 10 मायने, आइए जानते हैं-
1. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक CBI को मामले की जांच करने का अधिकार है. सीबीआई पूरे मामले की जांच करेगी और मुंबई पुलिस सहयोग करेगी.
2. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मुंबई पुलिस को सीबीआई को सार दस्तावेज भी सौंपने होंगे. दरअसल मुंबई पुलिस सीबीआई के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वो रोड़ा भी साफ हो गया है.
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3. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है कि अगर इस मामले में कोई भी एफआईआर दर्ज हुई तो उसकी जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी. अभी तक इस मामले में केवल एक एफआईआर दर्ज है जो कि पटना में हुई है.
4. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह बात भी साफ हो गई है सीबीआई को इस मामले में जांच करने के लिए राज्य सरकार इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. सीबीआई जब चाहे और जिससे चाहे पूछताछ कर सकती है और राज्य सरकार इसमें बाधा नहीं बन सकती.
5. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब माना ये जाएगा कि केस की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेशित है, न कि बिहार सरकार के.
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6. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि बिहार सरकार का एफआईआर दर्ज करना और सीबीआई जांच की सिफारिश करना सही था.
7. इसके साथ ही इस मामले में अब रिया चक्रवर्ती की अर्जी भी खारिज हो गई है जिसमें उन्होंने मांग की थी कि मामले की जांच मुंबई पुलिस को सौंपी जाए.
8.सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि ये शुरू से ही सीबीआई जांच का विरोध कर रहे थे.
9. अब इस मामले की जांच के लिए सीबीआई मुंबई आएगी और पुलिस से केस की डायरी, सभी गवाहों और संदिग्धो के बयान मांगेंगे.