अब तक सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या मानने वाले उनके परिवार ने दावा किया है कि सुशांत की हत्या की गई थी. परिवार को कहना है कि इस मामले में खुदकुशी के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अब ऐसा लग रहा है कि सुशांत की हत्या की गई थी. वहीं मुंबई पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई पुलिस ने धोखे से मराठी भाषा में सुशांत के पिता और उनकी बहनों के बयान लिए. परिवार को इस बात पर गहरा ऐतराज था कि उन्हें मराठी नहीं आती.
सुशांत के पिता केेके सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में जाच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. एक आरोपी जैद से ड्रग नहीं मिला लेकिन पैसा मिला है. उसकी जांच के लिए एनसीबी ने कस्टडी मांगी है. एनसीबी ने कहा की जैद एक ड्रग सिंडीकेट का हिस्सा हैं और उसके पास से मिले पैसे को ढूंढना है. सुशांत सिंह केस के दो लोगों के साथ जैद विलात्रा का संबंध है. उसके पास मिले पैसे ड्रग व्यापार का हिस्सा हैं.
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कमरे की चाभी न मिलना गहरी साजिश
विकास सिंह ने कहा कि सुशांत के कमरे की चाबी नहीं मिली है. ये जांच का विषय है. इस पर मैं कमेंट नहीं करूंगा लेकिन अगर ऐसा है तो वाकई गंभीर बात है. इसका मतलब है कि उसके कमरे तक किसी और की भी पहुंच थी. उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने हम लोगों के हवाले से बयान में वो दर्ज़ कर दिया, जो हमारी ओर से कहा ही नहीं गया. मराठी भाषा में बयान होने की वजह से परिवारवाले पुलिस की मंशा को नहीं समझ पाए.
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परिवार वालों को शुरू में एतराज इस बात को लेकर था कि मराठी में बयान दर्ज नहीं होना चाहिए क्योंकि वो इस भाषा को नहीं जानते. हमें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि बयान में क्या लिखा गया. सुप्रीम कोर्ट में भी महाराष्ट्र पुलिस ने सीलबंद कवर में जवाब दाखिल किया. लिहाजा हमें पता नहीं चल पाया. अब ये बात हमे पता चल रही है कि महाराष्ट्र पुलिस ने परिवार वालों के हवाले से वो बयान दर्ज़ किया है, जो परिवार की ओर कहा ही नहीं किया था.
Source : News Nation Bureau