सुशील कुमार मोदी ने इमरजेंसी के समय की तुलना मौजूदा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन से की ही उन्होंने कहा कि मौजूदा समय ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में भी वही हालात पैदा किया हैं, जो इंदिरा गांधी ने आपातकाल में देश में किया है. वहां जय श्री राम का नारा लगाने पर प्रतिबंध है.लोक सभा के चुनाव में ममता को जनता ने दिखा दिया है.अगर स्थिति यही रही तो विधान सभा में बंगाल में बीजेपी को आने से कोई नही रोक सकता.
सुशील मोदी ने ये बातें 25 जून को पटना में आपातकाल- एक काला अध्याय नाम से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही थीं. इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपनी याद साझा करते हुए बताया कि कैसे एक रात में एक लाख से ज्यादा नेताओं को जेल के अन्दर ठूस दिया गया था. देश के अन्दर सेंसरशिप लागू किया गया. हर अखबार के दफ्तर में एक सरकार का नुमाइंदा बैठाया गया,जो डेढ़ साल तक लागू रहा. आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया. तमाम दफ्तर उनके सील कर दिए गए, संघ के लाखों कार्यकर्ताओं को जेल में बन्द कर दिया गया. देश में आतंक और भय का माहौल पैदा किया गया, जो जेल में रहें उन्हें बेल नहीं दी गई. इंदिरा ही भारत और भारत ही इंदिरा का नारा दिया गया था.
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सुशील मोदी ने आगे बताया कि आपातकाल में देश में सबसे ज्यादा जेल बिहार से लोग गये. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पुत्री मीसा इमरजेंसी की यादों में से एक हैं, क्योंकि लालू उस वक़्त मीसा एक्ट के तहत जेल में डाले गए थे इसलिए उन्होंने बेटी का नाम मीसा रख दिया था. आपातकाल के दौरन बिहार के नेताओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए थे. पटना में कई प्रेस में ताले लगा दिये गये थे, जब आंदोलन के मुखिया जे पी की किडनी खराब हो गयी तब उन्हें जेल से छोड़ा गया.
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HIGHLIGHTS
- सुशील मोदी ने आपातकाल से की बंगाल की तुलना
- पटना में आयोजि कार्यक्रम में बोले सुशील मोदी
- आपातकाल में सबसे ज्यादा लोग बिहार के जेल गए