विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात की। सुषमा स्वराज ने टिलरसन से आतंकवाद, पाकिस्तान और एच1बी वीजा के मुद्दे के बारे में बात की। दोनों नेताओं की यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात थी।
अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर यहां मुलाकात में सुषमा और टिलरसन ने अमेरिका-भारत राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने बैठक के बाद कहा, अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता और विकास में भारत के योगदान पर भारतीय विदेश मंत्री का शुक्रिया अदा किया।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों विदेश मंत्रियों ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और आतंकवाद निरोधक प्रयासों जैसे विषयों पर विशेष बल के साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
ट्रंप प्रशासन फिलहाल एच1 बी वीजा नीति की समीक्षा कर रहा है क्योंकि उसका मानना है कि कंपनियां अमेरिकी श्रमिकों के स्थान पर अन्य श्रमिकों को लाने के लिए इस नीति का दुरुपयोग कर रही हैं।
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नौअर्ट के अनुसार सुषमा और टिलरसन ने आगामी ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप समिट पर भी चर्चा की जिसकी संयुक्त मेजबानी भारत और अमेरिका 28 से 30 नवंबर तक हैदराबाद में करेंगे।
रवीश कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा, दोनों पक्षों ने व्यापारिक एवं निवेश संबंधों में विस्तार समेत द्विपक्षीय संबंध के सभी पहलुओं की समीक्षा की। उन्होंने बचपन में अवैध रूप से अमेरिका आ गए प्रवासियों से जुड़ी डाका नीति पर भी चर्चा की।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने इसी महीने इससे जुड़े क्षमादान कार्यक्रम को निरस्त कर दिया जिसके तहत बचपन में अवैध रूप से अमेरिका आ गये लोगों को वर्क परमिट देने की व्यवस्था है।
इस कदम से हजारों भारतीय अमेरिकियों समेत आठ लाख गैर दस्तावेजी श्रमिक प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि भेंटवार्ता के दौरान सुषमा स्वराज और टिलरसन ने द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की जिनमें आस-पड़ोस और भारत-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति शामिल है।
जून में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बैठक के बाद यह दोनों देशों के नेताओं की पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। यह अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस की अगले सप्ताह होने वाली भारत यात्रा से पहले भी हुई है।
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Source : News Nation Bureau