भारत की पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का बुधवार को अंतिम संस्कार उनकी बेटी बांसुरी ने किया. लोधी रोड के शवदाह गृह में सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार के बाद वो पंचतत्व में विलीन हो गईं. लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में बीजेपी की वरिष्ठ नेता का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने उन्हें मुखाग्नि दी. इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और जेपी नड्डा सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार के समय लोधी रोड शवदाह गृह में उपस्थित रहे. विपक्षी पार्टियों के नेताओं में से कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, रामदास अठावले, और शरद यादव सहित कई दिग्गज नेता मौजूद थे.
आपको बता दें कि मंगलवार की रात को अचानक दिल का दौरा पड़ने की वजह से सुषमा स्वराज को एम्स में भर्ती किया गया जहां थोड़ी देर बाद उनका निधन हो गया. सुषमा 67 वर्ष की थीं. BJP की वरिष्ठ नेता का साल 2016 में गुर्दा प्रत्यारोपित किया गया था. सुषमा ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. आम जनता के बीच सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) बहुत ही लोकप्रिय थीं. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया.
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मंगलवार को सुषमा स्वराज के निधन का समाचार मिलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि, 'भारतीय राजनीति के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया.' पीएम मोदी ने स्वराज के निधन को ‘व्यक्तिगत क्षति' बताया. मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'असाधारण नेता के निधन से भारत शोकाकुल है.' पीएम मोदी ने आगे कहा कि वह भूल नहीं सकते कि कैसे पूर्व विदेश मंत्री बिना रुके और थके काम किया करती थीं. पीएम मोदी ने कहा, ‘यहां तक कि जब उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था तब भी वह अपने काम के साथ न्याय करने के लिए जो कर सकती थीं करती थीं और अपने मंत्रालय के मसलों से वाकिफ रहती थीं.'
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज को हाई डाइबिटीज की समस्या थी जिसके चलते उनके गुर्दे खराब हो गए थे, साल 2016 में उन्होंने अपने गुर्दों का प्रत्यारोपण करवाया था. इसके बाद खराब स्वास्थ्य के चलते वो साल 2019 के लोकसभा चुनावों में हिस्सा नहीं ले सकीं. सुषमा स्वराज अपने राजनीतिक करियर में 9 बार सांसद रहीं जनता के बीच उनकी अपार लोकप्रियता थी. सुषमा स्वराज सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहा करती थीं, ट्विटर हैंडल पर उनके एक करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स थे.अपने निधन से कुछ घंटे पहले भी उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी को बधाई दी थी. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने शाम 7 बजकर 23 मिनट पर ट्वीट किया था, 'बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय. श्रेष्ठ भारत- एक भारत का अभिनन्दन. प्रधानमंत्री जी- आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.'
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HIGHLIGHTS
- सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन
- बेटी बांसुरी ने दी सुषमा को मुखाग्नि
- मंगलवार की रात को हुआ था निधन