करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें तीखा जवाब दिया है. सुषमा स्वराज ने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा कि आपका नाटकीय अंदाज में 'गुगली' की टिप्पणी ने और किसी को नहीं बल्कि आपको ही एक्सपोज कर दिया. बता दें कि पाकिस्तान में इमरान सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर इस्लामाबाद में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर कार्यक्रम को लेकर कहा था कि यह इवेंट प्रधानमंत्री इमरान खान की गुगली थी जिसके कारण भारत को दो मंत्रियों को पाकिस्तान भेजना पड़ा.
सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, 'मिस्टर फॉरेन मिनिस्टर ऑफ पाकिस्तान, आपका नाटकीय अंदाज में 'गुगली' की टिप्पणी ने और किसी को नहीं बल्कि आपको ही एक्सपोज कर दिया. यह दिखाता है कि सिखों की भावना के लिए आप सम्मान नहीं करते हैं.'
स्वराज ने एक और ट्वीट में जवाब दिया, 'आपको मैं स्पष्ट कर दूं कि हम आपके 'गुगली' में नहीं फंसे थे. हमारे दो सिख मंत्री करतारपुर साहिब में पवित्र गुरुद्वारे के दर्शन के लिए वहां गए थे.'
Let me explain to you that we were not trapped by your 'googlies'. Our two Sikh Ministers went to Kartarpur Sahib to offer prayers in the Holy Gurudwara. /2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) December 1, 2018
इससे पहले पाकिस्तान के मंत्री ने कहा था कि, 'आपने और दुनिया ने देखा कि इमरान खान ने करतारपुर की गुगली फेंक दी और उस गुगली का नतीजा हुआ कि जो हिंदुस्तान मिलने से कतरा रहा था उसे दो मंत्रियों को भेजना पड़ा. वे पाकिस्तान आए.'
कुरैशी ने दोनों देशों के संबंधों को लेकर कहा कि भारत के हर एक कदम लेने पर पाकिस्तान दो कदम उठाएगा.
पाकिस्तान में 28 नवंबर को आयोजित करतारपुर गलियारे के आधारशिला के मौके पर भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और आवास एवं शहरी मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी नरेंद्र मोदी सरकार का प्रतिनिधित्व किया था.
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इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत के साथ संबंधों में सुधार के मुद्दे पर उनकी सरकार, सेना और पाकिस्तान की सभी राजनीतिक पार्टियां एकमत हैं. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया था कि दोनों देशों के नेतृत्व की 'इच्छाशक्ति और सामर्थ्य' से कश्मीर सहित सभी मुददों का हल किया जा सकता है.
हालांकि उसी दिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत करतारपुर कॉरिडोर के विकास का स्वागत करता है, लेकिन हम तब तक वार्ता नहीं करेंगे, जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता.
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उन्होंने कहा, 'द्विपक्षीय वार्ता और करतारपुर कॉरिडोर बिल्कुल अलग-अलग चीज है. मैं बहुत खुश हूं कि बीते 20 वर्षो से भारत सरकार करतारपुर कॉरिडोर की मांग कर रही थी और पहली बार पाकिस्तान ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी. हम हमेशा कहते हैं कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते. पाकिस्तान जैसे ही भारत में आतंकवादी गतिविधि रोकेगा, वार्ता शुरू हो जाएगी. वार्ता केवल करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी हुई नहीं है.'
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Source : News Nation Bureau