भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान से तबतक बातचीत नहीं होगी जबतक की वह आतंक फैलाना नहीं छोड़े। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती है।
राज्यसभा में विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देते हुए सुषमा ने कहा, 'मोदी सरकार ने शुरुआत से ही पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध बनाने की कवायद की है। नवाज शरीफ के व्यक्तिगत आग्रह पर पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। लेकिन पाकिस्तान ने आतंक फैला नहीं छोड़ा। ऐसे में हमारा एजेंडा साफ है आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती।'
स्वराज ने कहा, 'आप (विपक्ष) पूछते हैं कि पाकिस्तान के लिए आपका रोपमैप क्या है? मैं बताना चाहती हूं कि हमने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री को बुलाया और सभी आए। इस दौरान द्वपक्षीय बातचीत हुई। मैं वहां मौजूद थी।'
आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 2014 में शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था। विदेश मंत्री ने कहा, 'नवाज शरीफ के शपथ में आने के बाद से पाकिस्तान के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव रहा।'
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उन्होंने कहा कि हमने 9 दिसंबर 2015 को 'हर्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया। बातचीत नए फॉर्मट में शुरू हुई।
सुषमा ने कहा, 'पाकिस्तान के साथ हमने शान्ति की पहल की। मामला खराब तब हुए जब बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद नवाज शरीफ ने उसे स्वतंत्रता सेनानी कहा। पीएम का काबुल से लाहौर जाना इसी क्रम में एक प्रयास था और आउट ऑफ बॉक्स था।'
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Source : News Nation Bureau