विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले हफ्ते नेपाल के काठमांडू में होने वाले 15वें बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यह जानकारी शुक्रवार को दी।
बागले ने बताया कि बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक 10-11 अगस्त को होगी जिसमें चौथे बिम्सटेक सम्मेलन में तय किए जाने वाले एजेंडे पर चर्चा होगी। चौथा बिम्सटेक सम्मेलन नेपाल में इस साल के अंत में होगा।
बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी से लगे दक्षिण एशियाई और दक्षिणपूर्व देशों के बीच आर्थिक सहयोग है। क्योंकि पाकिस्तान के असहयोग के कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) अप्रभावी हो चुका है और भारत हाल के दिनों में बिम्सटेक को ज्यादा महत्व दे रहा है।
बागले ने कहा, 'इस साल बिम्सटेक की 20वीं वर्षगांठ है और पिछले साल अक्टूबर में भारत ने गोवा में इसकी मेजबानी की थी, उसके बाद से इसमें एक नई गति देखी जा रही है।'
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BIMSTEC क्या है?
BIMSTEC का पूरा नाम The bay of bengal initiative for multi-sectoral technical and economic cooperation है। इसमें बांग्लादेश, भारत, म्यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं
यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्वी देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है और इसका निर्माण आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिए किया गया है। यह संगठन दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्वी देशों के बीच ब्रिज की तरह काम करता है।
इस समूह में दो देश दक्षिणपूर्वी एशिया के हैं। म्यांमार और थाईलैंड भारत को दक्षिण पूर्वी इलाकों से जोड़ने के लिए बेहद अहम है। इससे भारत में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। भारत और म्यांमार के बीच हाईवे का प्रोजेक्ट भारत की पूर्व एशिया की नीति को मज़बूती देता है।
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Source : News Nation Bureau