जम्मू एयरबेस स्टेशन पर हुए हमले में ड्रोन के इस्तेमाल ने सुरक्षाबलों की परेशानी बढ़ा दी है तो देश के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी गई है. देश में पहली बार कथित तौर पर सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल जम्मू एयरबेस स्टेशन पर हुआ. मगर उसके बाद से जम्मू में संदिग्ध ड्रोन की गतिविधियां और तेजी से बढ़ने लगी हैं. जम्मू में लगातार संदिग्ध ड्रोन नजर आ रहे हैं. इस बीच एक बार फिर ड्रोन दिखाई पड़ने की खबर आई है. सूत्रों ने बताया है कि जम्मू के रत्नुचक इलाके के कुंजवानी में देर रात संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी गई.
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इससे पहले जम्मू मिलिट्री स्टेशन के पास भी सोमवार को ड्रोन दिखाई दिए. जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर तड़के 3 बजे 2 ड्रोन देखे गए. हालांकि एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले के बाद से ही अलर्ट सेना ने इस पर तुरंत एक्शन लिया और ड्रोन देखते ही उस पर 20 से 25 राउंड की फायरिंग की. हालांकि फायरिंग के बाद रात के अंधेरे में ड्रोन गायब हो गए. ऐसा माना जा रहा है कि यह एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के अगले ही दिन ड्रोन के जरिए मिलिट्री स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश थी.
आपको बता दें कि जम्मू हवाई अड्डे के वायुसेना के अधिकार क्षेत्र वाले हिस्से में बीते दिनों जो विस्फोट हुए थे. इस धमाके के पीछे आतंकी साजिश के भी इनकार नहीं किया जा सकता है. धमाके में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, मगर दो जवान घायल हुए तो एक बिल्डिंग की छत क्षतिग्रस्त हो गई. इसी इन दोनों विस्फोटों में ड्रोन की मदद से विस्फोटक सामग्री गिराए जाने का संदेह है. सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई है कि ड्रोन का इस्तेमाल करके इसे अंजाम दिया गया. एक विस्फोट बिल्डिंग की छत पर हुआ तो दूसरी खुले मैदान में फटा.
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शुरुआती जानकारी में सामने आया कि ड्रोन हमले में एयरबेस में खड़े एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर निशाने पर थे. हालांकि ऐसे में अब अगर ये धमाका ड्रोन अटैक साबित होता है तो ये सैन्य ठिकाने पर हुआ देश का पहला ड्रोन अटैक होगा. हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और आगे की जांच जारी है. पुलिस भी अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर धमाकों पर काम कर रही है.