विगत 25 जुलाई को लोकसभा में तख्तियां दिखा कर प्रदर्शन करने और आसन की लगातार अवमानना करने पर निलंबित कांग्रेस के 4 सदस्यों का निलंबन आज रद्द कर दिया गया. हालांकि सांसदों के अपने आचार-व्यवहार को लेकर स्पीकर ने अंतिम चेतावनी भी दी. इसके साथ ही सदन में बीते कई दिनों से चल रहे गतिरोध के खत्म होने का रास्ता साफ हो गया. हालांकि आज लोकसभा महंगाई समेत जीएसटी पर चर्चा होनी थी, लेकिन शिवसेना सांसद संजय राऊत के पात्रा चॉल घोटाले में ईडी की गिरफ्तारी पर सुबह से ही संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ. इस कारण दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. हालांकि बाद में मंहगाई पर चर्चा शुरू हुई.
लोकसभा में आज कांग्रेस निलंबित सांसदों का निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे मंजूरी दे दी गई. इस तरह कांग्रेस के मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, ज्योतिमणि और राम्या हरिदास का निलंबन खत्म कर दिया गया. इससे पहले लोकसभा के दो बार स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन उपाध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके तत्काल बाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे को लेकर हंगामा आरंभ कर दिया.
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ रही है. विपक्ष सरकार पर गंभीर मुद्दों पर चर्चा न कराने का आरोप लगा रहा है. हालांकि सोमवार को कांग्रेस सासंदों का निलंबन वापस लिए जाने के बाद लोकसभा की कार्यवाही वापस पटरी पर लौट आई. इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को सदन में तख्तियां नहीं लहराने की नसीहत दी. लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की सहमति से वह यह व्यवस्था दे रहे हैं कि अब कोई भी सदस्य आसन के निकट और आसन के सामने तख्तियां लेकर नहीं आएगा.
HIGHLIGHTS
- स्पीकर ने अंतिम चेतावनी दे कांग्रेसी सांसदों का निलंबन रद्द किया
- इसके पहले लोकसभा की कार्यवाही दो बार हुई थी स्थगित
- निलंबन रद्द होने के बाद सदन में महंगाई पर चर्चा शुरू