लोकसभा से कांग्रेस के सात सांसदों का निलंबन वापस ले लिया गया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला किया गया. लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के भीतर पर्चे छीनने और फेंकने के आरोप में सातों कांग्रेस सांसदों को बजट सत्र की पूरी कार्यवाही से निलंबित कर दिया था. हालांकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने निलंबन वापस लेने का भारी दबाव बनाया. इस पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया.
दरअसल, सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध बना हुआ है. आज जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सके. सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस और डीएमके के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए और कांग्रेस के सात सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करने लगे. सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के नेता टीआर बालू अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहने की कोशिश करते हुए देखे गए, हालांकि पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया.
कांग्रेस और डीएमके सदस्यों ने 'निलंबन वापस लो', 'गृह मंत्री सदन में आओ' और 'गृह मंत्री इस्तीफा दो' के नारे लगाए. कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को पिछले गुरुवार को सदन का अनादर करने और 'घोर कदाचार' के मामले में मौजूदा संसद सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था.
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Source : News State