कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद मंगलवार को सभी मान रहे थे कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत वे ही करेंगे. इसके लिए पार्टी की ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भी सौंपा गया था. इसमें कहा गया था कि गौरव गोगोई के स्थान पर राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे. मगर ऐन वक्त पर कांग्रेस ने अपने कदम पीछे खींच लिए. आज भी इस बात पर संशय बना हुआ है कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे की नहीं. इसकी वजह है कि वह आज राजस्थान के दौरे पर हैं. हालांकि कयास लगाया जा रहा है कि राजस्थान जाने से पहले वह लोकसभा में बोल सकते हैं.
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137 दिनों के बाद संसद में राहुल गांधी की उपस्थिति से कांग्रेस उत्साहित थी. ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी कि बहस के पहले दिन वह विपक्षी एकता में जान फूंकेंगे. उनका नाम भी पहले वक्ता के रूप में दिया गया था. इसके बारे में मीडिया को भी बता दिया गया था. मगर बहस से कुछ मिनट पहले, गांधी ने पार्टी के फ्लोर मैनेजरों से कहा कि वह बहस शुरू नहीं करेंगे. ऐसा फैसला उन्होंने क्यों लिया यह अभी तक साफ नहीं हो सका है. इसकी अलग-अलग वजहें बताई जा रही हैं. पहला ये है कि कांग्रेस पूर्वोतर को संदेश देना चाहती थी कि वह मणिपुर के लिए कितनी संवेदनशील है.
गोगोई असम में सांसद हैं. उन्होंने मणिपुर का दौरा भी किया है. वहीं दूसरा ये है कि राहुल गांधी पीएम मोदी के जवाब से ठीक पहले भाषण देना चाहते हैं. इस तरह से राहुल गांधी को अधिक मीडिया अटेंशन मिलने की उम्मीद है. कांग्रेस की रणनीति है कि पीएम जब सदन में तब राहुल गांधी अपना भाषण दें. इस तरह से दो पार्टियों की टक्कर का माहौल बनेगा.
HIGHLIGHTS
- ऐन वक्त पर कांग्रेस ने अपने कदम पीछे खींच लिए
- राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे की नहीं, संशय बरकरार
- राहुल गांधी आज राजस्थान के दौरे पर हैं
Source : News Nation Bureau