समाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने झारखंड के पाकुड़ में मंगलवार को कथित बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा मार-पीट मामले में क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ कोर्ट में 'मॉब लिचिंग' को लेकर फैसला पढ़ा जा रहा था और उसी दौरान भीड़ ने मुझपे हमला कर दिया।
अग्निवेश ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिचिंग को लेकर एक मज़बूत फ़ैसला सुनाया है लेकिन जब यह फैसला पढ़ा जा रहा था उसी वक़्त एक समूह ने मुझ पर हमला कर दिया। मैंने उनसे बात करने की अपील की लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी।'
स्वामी अग्निवेश ने मारपीट की घटना की न्यायिक जांच कराये जाने की मांग करते हुए कहा कि यह हमला पूर्व नियोजित था।
अग्निवेश ने कहा, 'मेरे ऊपर हुआ हमला पूर्व नियोजित था। पाकुड़ जिला प्रशासन के पास मेरे कार्यक्रम की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने मुझे कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई।'
उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार अगर घटना की जांच करना चाहती है तो उसे न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए, ताकि दोषियों को दंड दिया जा सके।'
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अग्निवेश ने आशंका ज़ाहिर करते हुए कहा कि उन्हें कोई उम्मीद नहीं है कि झारखंड सरकार या केंद्र घटना की जांच कराएंगी।
उन्होंने कहा, 'मामले में गिरफ्तार लोगों को छोड़ दिया गया है। इससे सरकार की मंशा का पता चलता है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भगवान राम के नाम को बदनाम कर रहे हैं। हमारा हिंदू धर्म हिंसा का प्रचार नहीं करता है।'
उन्होंने कहा, 'देश में दलितों और आदिवासियों की स्थिति बहुत खराब है। मैंने आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम में 25,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन एक लाख से ज्यादा लोग आए। इतनी भीड़ होने के बावजूद वहां सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं था।'
बता दें कि मंगलवार को जय श्री राम के नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं के एक समूह ने होटल से बाहर निकलते ही अग्निवेश के साथ मारपीट की थी। चोटिल होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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Source : News Nation Bureau