मोहम्मद साद, तबलीगी जमात का मौलाना. क्या किसी ने सोचा था कि मोहम्मद साद दुनियाभर में इस्लाम के प्रचार-प्रशार में लगा रहता हो वो किसी दिन देश में इतनी खतरनाक बीमारी को फैलाने का काम करेगा. दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज से मौलाना साद ने देशभर में कोरोना का प्रसार किया. अब इसी मरकज से जुड़े कुछ बड़े खुलासे सामने आए है. बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन का मरकज ही वो जगह हैं जहां से साद देश में जहर घोलने का काम करता है. यहीं से वो दुनियाभर के मुसलमानों का ब्रेनवाश करने की कोशिश करता है और उनके मन में जहर घोलता है. इस 6 मंजिला इमारत से ही वो अपना यूट्यूब चैनल भी चलाता है.
जानकारी के मुताबिक मोहम्मद साद का यूट्यूब चैनल साद के चार करीबी लोग करते हैं. इनमें से एक उसकी आवाज रिकॉर्ड करता है, दूसरा उसे एडिट करता है, तीसरे काम यूट्यूप इसे अपलोड करने का होता है और चौथा शख्स वीडियो के बारे में सबको जानकारी देता है.
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तबलीगी मरकज (Tablighi Markaz) के मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट (Corona Test Report) निगेटिव पाई गई है. इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच को दी गई है. मौलाना साद के रिश्तेदार ने दावा किया है. वहीं, क्राइम ब्रांच ने कहा कि मौलाना साद ने कोरोना रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.
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बता दें कि ईडी ने पिछले दिनों तबलीगी जमात के कथित ट्रस्ट को खोज निकाला था. इस ट्रस्ट का नाम काशिफ उल उलूम बताया गया है. ईडी ने ट्रस्ट का खाता भी खोज निकाला. इस ट्रस्ट को लेकर मौलाना साद और उनके बेटों से पूछताछ की जाएगी. ईडी ने उस शख्स को खोज निकाला जो विदेशों में पैसा भेजता था. अब तक लगभग 90 लाख रुपये विदेश भेजे बताए गए हैं.