जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ (JKLF) के आतंकवादी (Terrorist) यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ टाडा कोर्ट ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. भारतीय वायु सेना के अधिकारी रवि खन्ना और साल 1990 में तीन अधिकारियों के हत्या मामले में यासीन मलिक के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं.
जम्मू के टाडा कोर्ट (TADA Court) ने कहा है कि पहली नजर में यासीन मलिक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं. अदालत ने सोमवार को आरोप तय करने की मंजूरी दी है. यासीन मलिक फिलहाल आतंकी फंडिंग के आरोप में जेल में बंद है.
31 अगस्त 1990 को यासीन मलिक समेत पांच अन्य के खिलाफ जम्मू में टाडा कोर्ट के समक्ष 31 अगस्त, 1990 को आरोप पत्र दायर किया गया था. बता दें कि यासीन मलिक के खिलाफ टेरर फंडिंग और मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण का मामला भी दर्ज है.
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इधर, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ के पूर्व नेता फारुक अहमद डार उर्फ ‘‘बिट्टा कराटे’’ के खिलाफ विभिन्न आतंकी मामलों की सीबीआई जांच के अनुरोध को लेकर एक कश्मीरी पंडित शनिवार को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय पहुंचा. उक्त कश्मीरी पंडित के पिता की आतंकवादियों ने 1997 में हत्या कर दी थी. कराटे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक आतंकवादी वित्तपोषण मामले में पिछले वर्ष गिरफ्तार किया था.
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कराटे नवम्बर 1990 से 2006 के बीच करीब 16 वर्षों तक विभिन्न आरोपों को लेकर जेल में रहा है. इन मामलों में हत्या से लेकर जघन्य आतंकवादी कृत्य तक के मामले शामिल थे. कराटे को एक टाडा अदालत ने उसके खिलाफ आरोप तय करने में अत्यधिक देरी के आधार पर 2006 में जमानत दे दी थी.