ताजमहल संरक्षण मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट जमा कराया।
यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि ताज महल और उसके आसपास के क्षेत्र को नो-प्लास्टिक जोन घोषित किया जाना चाहिए, बोतलबंद पानी के इस्तेमाल पर भी रोक होनी चाहिए।
सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि ऐसे सभी उद्योग बंद कर देना चाहिए जो इस क्षेत्र में प्रदूषण फैलाते हैं। साथ ही इस क्षेत्र को पर्यटन हब बनाने पर जोर देना चाहिए।
यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि ताज हेरिटेज क्षेत्र में पैदल यात्रा को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत यातायात प्रबंधन योजना की आवश्यकता है जिसके तहत यमुना नदी के किनारे योजनाबद्ध तरीके से सड़कों का निर्माण हो।
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उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में यातायात सीमित रहेगा और पैदल यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यमुना के डूबक्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए और किनारों पर अधिक से अधिक पेड़-पौधों का रोपण होना चाहिए।
गौरतलब है कि ताजमहल मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा था।
कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर विश्व धरोहर ताजमहल का सरंक्षण नहीं कर सकते तो इसे या तो बंद कर दो या फिर तोड़ दो।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि MOEF ने एक कमिटी का गठन किया है, जो इस क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण के कारणों का पता लगाएगी।
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Source : News Nation Bureau