अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानियों का राज चलने वाला है. आतंकवादी संगठन तालिबान के हाथ में देश की बागडोर चली गई है.राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत वरिष्ठ नेता देश छोड़कर भाग गए है. राष्ट्रपति भवन पर तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है. तालिबानी प्रवक्ता लगातार दुनिया के सामने अपनी बातें रख रहे हैं. तालिबान के प्रवक्ता शाहीन सुहैल CNN-NEWS18 से बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने भारत को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि उम्मीद है कि भारत अपना रुख बदलेगा और तालिबान का समर्थन करेगा. शाहीन सुहैल ने कहा कि भारत से भी भविष्य में रिश्ते बेहतर होंगे. न्यूज 18 से बातचीत में तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वे (भारत) भी अपनी नीतियों में बदलाव करेंगे क्योंकि पहले वे उस शासन का पक्ष ले रहे थे, जो थोपी गई थी. भारत अपना रुख बदलेगा तब दोनों देशों के लोगों के लिए अच्छा होगा.
काबुल में हमने सुरक्षा के लिए प्रवेश किया
तालिबान के प्रवक्ता ने काबुल के मौजूदा हालात के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए काबुल शहर में प्रवेश किया है ताकि लोगों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचे और उनकी जान बच जाए.
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शाहीन सुहैल ने आगे बताया कि इससे पहले हमारे नेतृत्व ने हमारी सेना को काबुल शहर के गेट पर रुकने का निर्देश दिया था. लेकिन जब हमें लूटपाट और संपत्ति छिनने की खबर मिली. फायरिंग की कई खबरें आने लगी तब हमारे नेतृत्व ने सैनिकों को काबुल शहर में दाखिल होने और सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने का आदेश दिया.
सभी दूतावासों को सुरक्षित वातावरण देंगे
सुहैल ने भारत को यह भी आश्वासन दिया कि वे सभी विदेशी दूतावासों को सुरक्षा मुहैया कराएंगे. अब तक स्थिति ये है कि हम सभी दूतावासों और राजनयिकों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करेंगे. अन्य देशों में हमारे दूतावासों के बारे में, सरकार बनने के बाद तय किया जाएगा.
भारत ने अफगानिस्तान से अपने राजनयिकों और नागरिकों को निकाल रहा है. 48 घंटे के भीतर उन्हें वहां से निकाल लिया जाएगा.
तालिबान में नए युग की होगी शुरुआत
अफगानिस्तान में तालिबानी युग आने से जहां दुनिया भर में चिंता का विषय है वहीं शाहीन सुहैल ने इसे नया अध्याय खुलने की बात कही. उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देशों के साथ सहयोग करना हमारी नीति है. अब एक नया अध्याय खुला है. शाहीन ने बताया कि वो नया अध्याय कैसा होगा. अफगानिस्तान में आर्थिक विकास लाना, सभी देशों के बीच शांति की स्थापना करना, खासकर हमारे आसपास के देशों में. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें दूसरे देशों के सहयोग की जरूरत है. हमारा इरादा देश का पुनर्निर्माण करना है और ये अन्य देशों के सहयोग के बिना नहीं किया जा सकता है.
देश के पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय एकता पर जोर देंगे
तालिबानी प्रवक्ता ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन का ये एक नया संस्करण होने जा रहा है. पहले हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं था, लेकिन 20-25 साल बाद हमें सरकार चलाने और दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करने का अनुभव है. हम अपने देश के पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय एकता पर जोर देंगे.
बता दें कि भारत सरकार अफगानिस्तान को लेकर अपना रूख अभी साफ नहीं की है. वो वहां पर बारिकी से नजर रखे हुए हैं. इसके साथ ही कल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर बैठक होने वाली है. सबकी नजरे इस बैठक पर होगी.
HIGHLIGHTS
- तालिबान ने भारत को अप्रत्यक्ष रूप से दी चेतावनी
- उम्मीद है भारत अपना रुख बदलेगा
- तभी दोनों देशों के लिए अच्छा होगा
Source : Nitu Kumari