तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने गुरुवार को कहा कि जल्द ही जयललिता की मौत की जांच के लिए आयोग बनाया जाएगा।
जयललिता की मौत की जांच का फैसला अहम माना जा रहा है। दरअसल, जयललिता के निधन के बाद दो धड़े में बंट चुके AIADMK के धड़ों में विलय की यह बड़ी शर्त थी।
जांच के संबंध में पलानीसामी ने कहा कि यह आयोग एक रिटायर जज की अध्यक्षता वाला होगा। साथ ही सीएम ने यह घोषणा भी कर दी कि जयललिता के निवास स्थान पोएस गार्डन को मेमोरियल का रूप दिया जाएगा।
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AIADMK के दूसरे धड़े पन्नीरसेल्वम की ओर से कुछ दिनों पहले ही कहा गया था कि विलय के लिए वह शशिकला को एआईएडीएमके से बाहर किए जाने, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख जे. जयललिता की मौत जांच कराने और चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथ-पत्र, जिसमें शशिकला को पार्टी महासचिव बताया गया है, को वापस लेने की मांग पर बने हुए हैं।
जयललिता को 22 सितंबर, 2016 को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पांच दिसंबर, 2016 को अपने निधन तक वह अस्पताल में भर्ती रहीं।
अपोलो ने जांच के फैसले का किया स्वागत
जांच की बात आने के बाद अपोलो अस्पताल ने कहा है कि वह इस कदम का स्वागत करता है। इससे पहले अपोलो अस्पताल ने पिछले महीने भी कहा था कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के इलाज में कोई 'हस्तक्षेप नहीं' हुआ और वह किसी भी जांच के लिए तैयार है।
पोएस गार्डन को मेमोरियल बनाने पर जयाकुमार का विरोध
इस बीच जयललिता की भतीजी दीपा जयाकुमार ने पोएस गार्डन को मेमोरियल बनाने के पलानीसामी के फैसले का विरोध किया है।
जयाकुमार ने कहा है कि घर पर पहले उनका हक है। जयाकुमार के मुताबिक, 'मुझसे या मेरे भाई से सलाह लिए बगैर उन्हें ऐसे फैसले की घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है।'
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HIGHLIGHTS
- जयललिता की मौत की जांच की मांग करते रहे हैं पन्नीरसेल्वम
- AIADMK के विलय के लिए पन्नीरसेल्वम गुट की थी मांग
- ई पलानीसामी ने कहा कि जयललिता के घर को बनाया जाएगा मेमोरियल
Source : News Nation Bureau