केरल सरकार ने शुक्रवार को मुल्लापेरियर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ का जिम्मेदार तमिलनाडु को ठहराया था। केरल पर पलटवार करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने आरोपों को ख़ारिज कर दिया। मुख्यमंत्री पलानीसामी ने केरल द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया। केरल द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए पलानीसामी ने कहा, 'अगर आप कहते है की मुल्लापेरियर बांध से पानी छोड़ा गया तो वे केरल तक कैसे पहुंचा? 80 बांधों द्वारा छोड़े गए पानी के कारण केरल में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई।'
उन्होंने आगे कहा, 'केरल में बाद के एक हफ्ते बाद मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ा गया था...न कि बाढ़ आने के तुरंत बाद। इसके अलावा तीन चेतावनी भी दी गई थी एक 139 फीट पर, दूसरी 141 फीट और तीसरी 142 फीट पर।' पानी को बांध से चरणबद्ध तरीके से छोड़ा गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक मुल्लापेरियर बांध में 13 9.99 फीट पर पानी के स्तर को बनाए रखने का आदेश दिया।
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क्या है मामला ?
बता दें कि शुक्रवार को केरल सरकार ने राज्य में आए बाढ़ का जिम्मेदार तमिलनाडु को ठहराया था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था की तमिलनाडु द्वारा अचानक बांध से पानी छोड़े जाना राज्य में आई भीषण बाद का मुख्य कारण रहा। मुख्य सचिव द्वारा दायर एक हलफनामे में, केरल सरकार ने कहा कि चूंकि मुल्लापेरियर बांध में जलस्तर 137 फीट को पार कर गया था, उसके बाद केरल के अधिकारियों ने बांध के पास रहने वाले लोगों को युद्धस्तर पर वहां से हटाया था।
हलफनामे में कहा गया कि केरल की लगभग 3.48 करोड़ की कुल आबादी में से 54 लाख से अधिक लोग या कुल आबादी का छठा हिस्सा बाढ़ से सीधे प्रभावित हुआ है। केरल सरकार ने मुल्लापेरियर बांध के दिन-प्रतिदिन के संचालन का प्रबंधन करने के लिए प्रबंधन समिति की भी मांग की, जिसका नेतृत्व सीडब्ल्यूसी के एक मुख्य अभियंता /अधीक्षक अभियंता और दोनों राज्यों के दोनों प्रमुख इंजीनियरों/अधीक्षक इंजीनियरों के द्वारा किया जाए।
Source : News Nation Bureau