पिछले दिनों तमिलनाडु से अस्पताल की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया. दरअसल, अस्पताल ने एक गर्भवती महिला को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया था. मद्रास हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु के अस्पताल से इस बड़ी लापरवाही पर जवाब मांगा. इस खबर के सामने आने के बाद डोनर ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. डोनर की मां ने कहा, 'वह ठीक था. न्यूज में यह खबर देखने के बाद उसने सोचा की अब उसे जिन्दा नहीं रहना चाहिए और उसने आत्महत्या कर ली. बुधवार को भी डोनर ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी.'
जानकारी के मुताबिक, करीब दो साल पहले डोनर ने हेल्थ कैंप में ब्लड डोनेट किया था, जहां वह एचआईवी पॉजिटिव पाया गया था. इस बात की जानकारी युवक को नहीं दी गई। इसके बाद इस महीने युवक ने सत्तूर के जिला अस्पताल में रक्तदान किया। लैब टेक्निशन ने ब्लड पर 'सेफ' का लेबल लगा दिया और बाद में इसे गर्भवती महिला को चढ़ा दिया गया। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब गर्भवती महिला की सेहत बिगड़ने लगी और इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इस खबर का खुलासा होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.
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HIV पॉजिटिव ब्लड को सुरक्षित लेबल करने पर तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया. आगे की पूछताछ में यह बात सामने आई कि वह शख्स एचआईवी पॉजिटिव है.
Source : News Nation Bureau