तमिलनाडु विधानसभा में पिछले हफ्ते हुए 'फ्लोर टेस्ट' के दौरान विपक्ष को जबरन विधान सभा से निकाले जाने के खिलाफ डीएमके नेताओं ने अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
बता दें कि विधान सभा की कार्यवही खत्म होने के बाद ही डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने राज्य भर में 22 फरवरी को विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल करने का फैसला लिया था।
डीएमके तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से भी मिलकर विश्वास मत हासिल करने के AIADMK के पलानीसामी के तरीके पर सवाल उठा चुकी है। गौरतलब है कि विधानसभा में हुए विश्वास मत के दौरान पलानीस्वामी ने 234 सदस्यों वाले विधानसभा में 122-11 के अंतर से जीत हासिल की थी। इस दौरान प्रमुख विपक्षी डीएमके को बाहर निकाला जा चुका था जबकि कांग्रेस सदन से वॉकआउट कर चुकी थी।
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इस पूरे घटनाक्रम के दौरान विधान सभा में खूब हंगामा भी देखने को मिला था। माइक उखाड़े गए और कुर्सियां तोड़ी गई थीं। वहीं, कई कागजों को फाड़ा गया था। विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने भी आरोप लगाया था कि उनके शर्ट को फाड़ा गया और बदसलूकी की गई।
हंगामे के कारण दो बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था। विपक्ष गुप्त मतदान की मांग कर रहा था जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने इस मांग को खारिज कर दिया था।
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Source : News Nation Bureau