तमिलनाडु के थेनी जिले में कुरंगनी पहाड़ियों के जंगल में लगी भीषण आग में 10 ट्रैकर्स की मौत हो गई और 14 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। पर्यटक स्थल थेनी जिले में आग में फंसे करीब 27 ट्रैकर्स को बचा लिया गया है।
मदुरै के राजस्व विभाग के अधिकारी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, 'घायलों को मदुरै के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार वे 40 फीसदी तक जले हुए हैं।'
अधिकारियों के अनुसार मदुरै के सरकारी चिकित्सालय में भर्ती एक व्यक्ति वहां से निकाल कर एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया है और एक अन्य व्यक्ति चेन्नई के लिए रवाना हो गया है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को एक लाख तथा अन्य घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की है।
थेनी जिला कलेक्टर पल्लवी बलदेव ने संवाददाताओं को बताया कि 27 लोगों को बचाया गया जिनमें 10 लोगों को कोई चोट नहीं आई है। बाकी अन्य आग से झुलसे हैं।
हादसे में मरे दस लोगों में से नौ की मौत पहाड़ियों में हुई जबकि एक ने अस्पताल में दम तोड़ा।
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टर पहाड़ियों से आठ लोगों के शवों को निकालकर लाए जबकि एक शव को सड़क के द्वारा लाया गया। शवों को पहचान के लिए ले जाया गया है और इसके बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।
शवों को पहचान के लिए भेज दिया गया है और पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
संवाददाताओं से बात करते हुए पलनीस्वामी ने बताया कि वन विभाग की मंजूरी के बिना ट्रैंकिंग अभियान आयोजित किया गया था।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना की विस्तृत जांच की जाएगी।
और पढ़ें: येचुरी ने कहा- बीजेपी का 'विरोधीमुक्त भारत' का सपना पूरा नहीं होगा
विधायक और एआईएडीएमके के हाशिये पर लगाए गए नेता टीटीवी दिनाकरन ने कहा कि इन मौतों के लिए वन विभाग की लापरवाही मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि कुरंगनी पहाड़ियों पर पिछले 15 दिनों से आग लगने की सूचना थी लेकिन वन विभाग ने कोई पूर्व चेतावनी जारी करना जरूरी नहीं समझा।
आईएएफ के तीन हेलीकाप्टरों की सहायता से राहत अभियान रविवार से जारी है। आईएएफ ने इसके अलावा 15 कमांडो भी उतारे हैं।
आईएएफ कमांडो रविवार देर रात कोयंबटूर के पास स्थित सुलुर हवाईअड्डे से उड़ान भरकर पहाड़ियों पर पहुंचे।
शनिवार रात थेनी जिला स्थित कुरंगनी की पहाड़ियों पर 25 महिलाओं, तीन बच्चों और आठ पुरुषों का समूह ट्रैकिंग के लिए पहुंचा था और वे इस भयावह घटना में फंस गए।
इस रोमांचकारी ट्रेकिंग का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया गया था। इसका आयोजन एक गैर लाभकारी संस्था 'चेन्नई ट्रेकिंग क्लब' द्वारा किया गया था जिसके चालीस हजार सदस्य हैं। साल 2008 में बना यह क्लब खेल, सामाजिक और अन्य कार्यक्रम कराता है। अब यह जांच के दायरे में है।
ट्रेकिंग समूह में आठ पुरुष, 25 महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। 20 सदस्य चेन्नई ट्रेकिंग क्लब से थे जबकि अन्य इरोड और तिरुप्पुर से थे।
दल शनिवार रात एक जगह रुक गया। वे रविवार को लौटने वाले थे।
डीएमके नेता एम. के. स्टालिन ने ट्रैकर्स की मौत पर दुख जताया है। वहीं पीएमके के संस्थापक एस. रामादॉस ने ट्रेकिंग गतिधियों को व्यवस्थित बनाने की मांग की।
अग्निशमन और बचाव दल विभाग ने आईएएनएस को बताया कि कुरंगनी इलाका दुर्गम है और हादसे वाले क्षेत्र में वाहन नहीं पहुंच सकते हैं।
और पढ़ें: NN Exclusive: 15,500 करोड़ रुपये का चूना लगाकर दिवालिया हुई एयरसेल
Source : IANS