तूतीकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर को बंद करने के फैसले के बाद तमिलनाडु सरकार ने इस मामले में किसी भी याचिका पर सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल कर दिया है।
कैविएट वो प्रक्रिया है जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट किसी भी मामले में बिना दूसरे पक्ष की दलील सुने कोई फैसला नहीं दे सकता।
गौरतलब है कि तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के बाहर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद हिंसा में पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे।
इस मामले में राज्य सरकार की किरकिरी होने के बाद सीएम पलानीसामी ने प्लांट को बंद करने का आदेश दे दिया था। तमिलनाडु सरकार के इस फैसले को वेंदाता समूह ने दुर्भाग्यपूर्म करार दिया था।
राज्य सरकार ने फैसले के बाद इस मामले को लेकर किसी भी याचिका पर सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल कर दिया।
प्रदर्शनकारी स्टरलाइट कॉपर स्मेलटिंग प्लांट को बंद करने की मांग को लेकर पिछले कुछ महीनों से आंदोलन कर रहे थे।
22 मई को यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे।
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पुलिस की गोलीबारी में हुई मौत के बाद हुए हंगामे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने इस प्लांट में तांबा गलाने वाले दूसरे संयंत्र के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी।
तूतीकोरिन के लोगों का कहना था कि इस प्लांट की वजह से वायु प्रदूषण हो रहा है और स्थानीय लोग कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उनका मानना है कि इस संयंत्र की वजह से इलाके का भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है।
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Source : News Nation Bureau