केंद्र की तरफ से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से इनकार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सरकार से अलग होने का फैसला लिया है।
हालांकि पार्टी ने अभी तक एनडीए (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) से अलग होने के बारे में कोई ऐलान नहीं किया है।
नायडू ने तेलुगू देशम पार्टी के दो मंत्रियों को केंद्र की सरकार से इस्तीफा देने का आदेश दिया है।
टीडीपी के दो मंत्रियों अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने को कहा गया है।
इसकी घोषणा करते हुए नायडू ने कहा, 'यह हमारा हक है। केंद्र सरकार किए गए वादे को पूरा नहीं कर रही है।'
अमरावती में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नायडू ने कहा, 'हम बजट के दिन से इसकी मांग कर रहे हैं। लेकिन वह हमारी बातों पर कोई जवाब नहीं दे रहे। हमने चार सालों तक इंतजार किया। मैंने केंद्र को सभी तरीकों से समझाने की कोशिश की।'
नायडू ने कहा कि एक वरिष्ठ नेता होने के नाते मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर उन्हें अपना फैसला बताने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।
इससे पहले पार्टी सांसदों ने गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत दिए थे।
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से वित्त मंत्री अरुण जेटली के इनकार किए जाने के बाद पार्टी सांसद नरामल्ली शिवप्रसाद ने कहा कि टीडीपी और बीजेपी के बीच तनाव अब 'चरम' पर पहुंच चुकी है और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जल्द ही गठबंधन में बने रहने को लेकर फैसला लेंगे।
शिवप्रसाद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में कहा, 'इस बात की संभावना है कि आज या कल हमारे नेताओं की बैठक होगी और जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा। दोनों दलों के बीच स्थिति अब चरम पर पहुंच चुकी है और वह बता चुके हैं कि उन्हें क्या करना है और हम कह चुके हैं कि हमें क्या चाहिए।'
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वहीं पार्टी के एक अन्य राज्यसभा संसद सीएम रमेश ने भी इस मसले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन एक्ट में मौजूद प्रावधानों का पालन नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा, 'अभी तक एनडीए की सरकार ने विशेष दर्जा को लेकर कुछ भी नहीं किया है। हमारे पास इस मामले में संसद की कार्यवाही को रोके जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।' रमेश ने हालांकि दोनों दलों के बीच के गठबंधन की स्थिति को लेकर कुछ भी कहने से मना किया।
टीडीपी सांसद का यह बयान वैसे समय में सामने आया है जब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'जब आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ था तब विशेष राज्य का दर्जा अस्तित्व में था लेकिन 14वें वित्त आयोग ने इस विचार को ही खत्म कर दिया।'
उन्होंने कहा, 'हम सभी शर्तों को पूरा करना चाहते हैं। हम वित्त आयोग की रिपोर्ट के बाद इसे औपचारिक तौर पर विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं कह सकते लेकिन इसे हम विशेष पैकेज कह रहे हैं। इससे राज्य को वहीं सभी समान सुविधाएं मिलेंगी।'
गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो वह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देंगे। इसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से पूछा था, 'आप (बीजेपी) अपने गठबंधन की सहयोगी पार्टी की जरूरतों पर कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं?'
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HIGHLIGHTS
- टीडीपी-बीजेपी गठबंधन को लेकर टीडीपी सांसद ने दिया बयान
- आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को बीजेपी-टीडीपी में तनाव
Source : News Nation Bureau