पंचकूला के एक सामान्य अस्पताल से बड़ी लापरवाही सामने आई है, यहां के टेक्नीशियन एक 59 वर्षीय बुजुर्ग को एमआआई मशीन में डालकर भूल गए. इसके बाद जब सांस बंद होने लगी तो पीड़ित खुद से वहां से बाहर निकला. पीड़ित का नाम राम मेहर बताया जा रहा है. दरअसल, स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ी व गंभीर लापरवाही का यह मामला पंचकूला सेक्टर-6 के नागरिक अस्पताल का है. पीड़ित ने स्वास्थ्य मंत्री को दी शिकायत में लिखा- मैं 30 सेकंड और बाहर न आता तो मर जाता.
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जानकारी के मुताबिक, पंचकूला में स्थित एमआरआई एंड सिटी स्कैन सेंटर में टेक्निशियन बुजुर्ग राम मनोहर को एमआरआई मशीन मे डालकर भूल गए. इसके बाद काफी समय तक उन्हें किसी ने बाहर नहीं निकाला तो वो खुद इससे निकलने की कोशिश करने लगे. लेकिन हाथ-पैरों में बेल्ट बंधे होने की वजह से वो हिल पाने में भी असमर्थ थे.
मगर कहते है न मौत सामने हो तो इंसान उससे बचने के ली आखिरी सांस तक कोशिश करता है. ठीक ऐसा ही पीड़ित राम मेहर ने भी किया. उन्होंने खुद पर इतने जोर से दबाब बनाया की बेल्ट आखिरकार टूट ही गई. इसके बाद वो मशीन से बाहर निकल सके.
पीड़ित मरीज ने कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही की शिकायत हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, डीजी हेल्थ डॉ. सूरजभान कंबोज, सेक्टर-5 पुलिस थाने में दे दी है. जिसमें पीड़ित ने यह लिखा है कि यदि मैं 30 सेकंड और बाहर नहीं आता तो मेरी मौत निश्चित थी. वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि टेक्नीशियन ने ही मरीज को बाहर निकाला, सीसीटीवी फुटेज चैक करवा रहे.
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सेंटर इंचार्ज अमित खोखर ने बताया, 'मैंने टेक्नीशियन से बात की है, पेशेंट का 20 मिनट का स्कैन था, टेक्नीशियन को लास्ट 3 मिनट का सीक्वेंस लेना था, लास्ट के 2 मिनट रह गए थे. मरीज को पैनिक क्रिएट हुआ और वह हिलने लग गया था, उन्हें हिलने के लिए मना किया था. टेक्नीशियन दूसरे सिस्टम में नोट्स चढ़ा रहा था, जब 1 मिनट रह गया था तो टेक्नीशियन ने देखा मरीज आधा बाहर आ गया था, टेक्नीशियन ने ही मरीज को बाहर निकाला.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो