तीस्ता सीतलवाड़ पर हो रही न्यायिक कारवाई के खिलाफ ONHCR को बयान देना महंगा पड़ा है. यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट के हाई कमिश्नर ऑफिस ने तिस्ता के खिलाफ हो रही कारवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बयान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लौलर ने गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जताई थी और जारी बयान में कहा गया था कि तीस्ता और दो अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई एक्टिविस्ट के खिलाफ प्रताड़ना की कारवाई है. ONHCR के इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह बयान अस्वीकार्य और भ्रमित करने वाला है. भारत ने यूएन ह्यूमन राइट कमीशन को हिदायत दी है कि वह भारत के न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप ना करे. साथ ही भारत ने ONHCR के इस कृत्य की भर्त्सना की है.
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क्या है पूरा मामला?
पिछले शनिवार 25 जून को गुजरात एटीएस ने सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवाड को मुंबई से गिरफ्तार किया. तीस्ता गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने का दावा करती रही हैं. तीस्ता और उसके पति जावेद आनंद पर आरोप है कि दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर दंपति ने बड़े पैमाने का धन जुटाया और धोखाधड़ी की.
तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर UN की टिप्पणी पर भारत का करारा जवाब
तीस्ता सीतलवाड़ पर हो रही न्यायिक कारवाई के खिलाफ ONHCR को बयान देना महंगा पड़ा है. यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट के हाई कमिश्नर ऑफिस ने तिस्ता के खिलाफ हो रही कारवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
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तीस्ता सीतलवाड़ पर हो रही न्यायिक कारवाई के खिलाफ ONHCR को बयान देना महंगा पड़ा है. यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट के हाई कमिश्नर ऑफिस ने तिस्ता के खिलाफ हो रही कारवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बयान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लौलर ने गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जताई थी और जारी बयान में कहा गया था कि तीस्ता और दो अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई एक्टिविस्ट के खिलाफ प्रताड़ना की कारवाई है. ONHCR के इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह बयान अस्वीकार्य और भ्रमित करने वाला है. भारत ने यूएन ह्यूमन राइट कमीशन को हिदायत दी है कि वह भारत के न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप ना करे. साथ ही भारत ने ONHCR के इस कृत्य की भर्त्सना की है.
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क्या है पूरा मामला?
पिछले शनिवार 25 जून को गुजरात एटीएस ने सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवाड को मुंबई से गिरफ्तार किया. तीस्ता गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने का दावा करती रही हैं. तीस्ता और उसके पति जावेद आनंद पर आरोप है कि दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर दंपति ने बड़े पैमाने का धन जुटाया और धोखाधड़ी की.