खाने की क्वालिटी को लेकर जवान तेज बहादुर के आरोपों के बाद बीएसएफ ने तेज बहादुर पर कई आरोप लगाए हैं। बीएसएफ ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि तेज बहादुर को अनुशासनहीनता के लिये कई बार दंडित किया जा चुका है।
तेजबहादुर के खाने की शिकायत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी जिसके बाद अदालत ने बीएसएफ को इस संबंध में हलफनामा दायर करने के निर्देश दिये थे।
बीएसएफ ने कहा है कि तेज बहादुर को अनुशासनहीनता के लिये समय-समय पर दंडित किया जा चुका है। बीएसएफ ने इसका पूरा ब्योरा भी दिया है। जिसमें कहा है कि एक बार बिना इजाजत 13 दिन की छुट्टी पर जाने के कारण उसे 14 दिन का दंड मिला था। साथ ही 7 ददिन के कैद की भी सजा मिली थी जब उसने अपने साथियों के साथ मारपीट की थी।
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इसके अलावा 28 अगस्त 2007 में नशा करने के कारण उसे दंडित किया गया। जिसमें 20 दिन की कैद भी हुई थी।
बीएसएफ ने बताया कि 31 मार्च 2010 को ट्रेनिंग अधिकारी को धमकी दी थी और अपने कंपनी कमांडर पर बंदूक तान दी थी। जिसके लिये उसका कोर्ट मार्शल हुआ और 89 दिनों की सजा मिली।
अपने हलफनामे में बीएसएफ ने खराब खाने के आरोप को भी गलत करार दिया है। हलफनामे में बीएसएफ ने कोर्ट को बताया है कि इंटरनल कमेटी की रिपोर्ट में तेज बहादुर के खाने की क्वालिटी को लेकर लगाए गए अरोपों को झूठा और निराधार पाया गया।
हलफनामे में ये भी कहा गया है कि बीएसएफ में शिकायतों का एक विभाग है और खाने की क्वालिटी को लेकर तेज बहादुर की कोई शिकायत विभाग को नहीं मिली। बीएसएफ ने बताया कि तेज बहादुर ने शिकायत करने के बजाय वीडियो सीधे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
हलफनामा दायर करने के बाद अब इस मसले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को होनी है।
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Source : Arvind Singh