13 प्वाइंट रोस्टर पर तेजस्वी की पीएम मोदी को खुली चिट्ठी, कहा- पैदल मार्च कर बजा देंगे ईंट से ईंट

पीएम को लिखे खुले पत्र में लिखा गया है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी आपकी रहनुमाई में देश भर में सामाजिक न्याय को कुचला जा रहा है. संविधान के द्वारा मिले आरक्षण की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं

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kunal kaushal
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13 प्वाइंट रोस्टर पर तेजस्वी की पीएम मोदी को खुली चिट्ठी, कहा- पैदल मार्च कर बजा देंगे ईंट से ईंट

तेजस्वी यादव और पीएम मोदी (फाइल फोटो)

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बिहार में नेता विपक्ष और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पीएम मोदी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. यूनिवर्सिटी में 13 प्वाइंट रोस्टर को लेकर पीएम मोदी ने नाम खुला पत्र लिखकर तेजस्वी यादव ने लोगों से मंडी हाउस से संसद मार्ग तक विशाव पैदल मार्च में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि मनुवादी नागपुरी सरकार बहुजनों का गला काटकर विश्वविद्यालय में साजिश के तहत 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने के विरोध में भारी संख्या में जमा होकर मोदी सरकार की ईंट से ईंट बजाएं

चिट्ठी में तेजस्वी ने क्या लिखा ?

पीएम को लिखे खुले पत्र में लिखा गया है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी आपकी रहनुमाई में देश भर में सामाजिक न्याय को कुचला जा रहा है. संविधान के द्वारा मिले आरक्षण की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. पहले जहां यूनिवर्सिटी को युनिट मानकर 200 प्वाइंट्स रोस्टर के जरिए बहाली होती थी अब वैसे ही अब 13 प्वाइंट विभागवार रोस्टर की साजिश अपनाई गई है. आम शब्दों में इसे अगर आम बहुजन जनता समझें तो उनके बच्चे अब प्रोफेसर साहब नहीं बन पाएंगे. मिनिमम गवर्मेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस के इस ढिंढोरावादी मॉडल की सरकार ने इस महत्वपूर्ण मसले पर ऑर्डिनेंस लाने से इंकार कर दिया है. रोस्टर की साजिश यह है कि जब तक किसी विभाग में 4 सीटें विज्ञापित नहीं होंगी कोई ओबासी प्रध्यापक नहीं बन पाएगा. 7 सीटें एक साथ नहीं आएंगी तो काई दलित नहीं आ पाएगा और एकमुश्त 14 सीटें एडवर्टाइज नहीं हो पाएंगी तो कोई आदिवासी प्रोफेसर नहीं बन पाएगा. 13 प्वाइंट रोस्टर को नेशन के इमिजिनेशन से ही बाहर कर दिया है. लंबी लड़ाई के बाद हासिल आरक्षण की नृशंस हत्या हुई है.

क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर विवाद

गौरतलब है कि एससीएसटी एक्ट की तरह ही रोस्टर विवाद भी सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर रहा है. ऐस में आखिर रोस्टर विवाद क्या है यह जानना बेहद जरूरी है. देश के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और शिक्षकों की नियुक्ति पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के इलाहाबाद के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी कायम रखा जिसका विरोध शुरू हो गया है. विपक्षी दल सरकार पर अध्यादेश लाकर इसे पलटने का दबाव बना रहे हैं.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटीज में 200 प्वाइंट रोस्टर की जगह 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने का फैसला सुनाया था. इस 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत विभाग को ही ईकाई मानकर आरक्षण देने की बात कही गई. इसके तहत चौथा पद ओबीसी को, सातवां पद अनुसूचित जाति को, आठवां पद ओबीसी के लिए आता है वहीं 14 वां पद अगर विभाग में आता है तभी वह अनुसूचित जनजाति को मिलेगा. इनके अलावा सभी पद अनारक्षित घोषित कर दिए गए. अगर 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण को लागू कर भी दिया गया तो भी यह पिछड़ों को मिले आरक्षण का 30 फीसदी के आसपास ही रह जाएगा. फिलहाल केंद्र सरकार की नौकरियों में एससी-एसटी ओबीसी के लिए 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है.

Source : News Nation Bureau

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