भारत में इस साल अप्रैल के महीने में ही गर्मी ने ऐसा रौद्र रूप दिखा दिया कि 122 साल का रिकॉर्ड टूट गया. भारतीय मौसम विभाग की हर महीने जारी की जाने वाली मौसम और जलवायु से जुड़ी रिपोर्ट बताती है कि इस साल अप्रैल में औसत अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सामान्यतः ये 33.94 डिग्री रहता है. सन 1901 के बाद बीते दस सालों मे ये तीसरी बार है जब अप्रैल महीने का औसतन अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रिकॉर्ड हुआ है. अब से पहले 2010 में मासिक औसतन अधिकतम तापमान 35.42 दर्ज हुआ था. उसके बाद 2016 में ये तापमान 35.32 रहा था.
सिर्फ दिन में ही गर्मी ने ही अप्रैल में लोगों से पसीने नहीं छुड़ाए, इस महीने रातें भी सामान्य से अधिक गर्म रहीं. मासिक निम्नतम औसत तापमान देखें तो इस साल अप्रैल में यह 23.51 रहा, जो सामान्य से 1.36 डिग्री अधिक है. सन 1901 के बाद यह दूसरा मौका है, जब ऐसी नौबत आई है.
मौसम विभाग का मानना है कि लगातार और लंबे समय तक चलने वाली लू इसके पीछे बड़ी वजह है. इसका असर पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ सहित देश में कई जगह नजर आया. इन इलाकों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया. यही नहीं हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक और लक्षद्वीप में मौजूद मौसम विभाग के 11 स्टेशनों पर तो तापमान अपने मौजूदा रिकॉर्ड से भी ऊपर चला गया था.
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इस बार प्री-मानसून की बारिश ने भी देश को धोखा दिया है. भारत के उत्तर पश्चिमी इलाकों में पिछले महीने महज 5.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके लिहाज से 1901 के बाद यह तीसरा सबसे सूखा महीना रहा. इससे पहले 1947 में महज 1.8 मिमी और 1954 में 4.4 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. हालांकि दक्षिणी प्रायद्वीप और उत्तर पूर्वी इलाकों में काफी बारिश दर्ज की गई.
हालांकि पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदला है. इस वक्त देश में कहीं भी हीटवेव नहीं है. कई जगहों पर आंधी-तूफान और बारिश हो रही है. लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि ये महज कुछ ही दिन चलेगा, उसके बाद फिर से पारा हाई होगा और सूरज की तपिश लोगों के पसीने छुड़ा देगी.