द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के नेता एम. करुणानिधि का मंगलवार शाम को 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। तमिलनाडु के सभी लोग शोक में डूबे हुए हैं। लेकिन इसी बीच एक विवाद और खड़ा हो गया है। दरअसल, करुणानिधि की समाधि स्थल को लेकर लोगों के बीच तनातनी बनी हुई हैं। एम के स्टालिन ने डीएमके कार्यकर्ता को शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
डीएमके के वरिष्ठ नेता दुरई मुरूगन ने समाधि स्थल बनाए जाने पर सीएम से बात की थी। मुरुगन ने कहा, 'हमने सीएम से अन्ना मेमोरियल के पास समाधि स्थल बनाने की बात की थी और वह इस बात पर राजी भी हो गए थे लेकिन अब इस मसले पर वह कोई बात नहीं कर रहे हैं।'
मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने एक बयान में कहा कि मरीना बीच पर नेताओं को दफनाने को लेकर कई मामले मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित हैं। सरकार अन्नादुरई स्मारक के पास जगह देने में सक्षम नहीं है।
उनके अनुसार, मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने कहा कि सरदार पटेल रोड पर गांधी मंडपम के पास करुणानिधि को दफनाने के लिए दो एकड़ जमीन मुहैया कराई जाएगी, जहां पहले से ही के.कामराज और अन्य के स्मारक मौजूद हैं।
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हालांकि राज्य सरकार अन्ना विश्वविद्यालय के सामने गिंडी में गांधी मंडपम के पास 2 एकड़ जमींन देने को तैयार है।
डीएमके के कार्यकर्ताओं को जब ये बात पता चली कि राज्य सरकार अन्ना मेमोरियल के पास समाधि स्थल के लिए जगह नहीं दे रही है तो उन्होंने अस्पताल के सामने नारेबाजी शुरू कर दी और लोगों के बीच तनातनी बनी हुई है।
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आपको बता दें कि 94 साल के करुणानिधि कई दिनों से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। कावेरी अस्पताल ने उनके निधन की जानकारी मंगलवार शाम को दी। अस्पताल के बयान के अनुसार, 'बहुत ही दुख के साथ, हम हमारे प्यारे कलैगनार एम. करुणानिधि की शाम छह बजकर बीस मिनट पर निधन की घोषणा करते हैं।'
Source : News Nation Bureau