मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों (Migrant worker) के कारण हालात तनावपूर्ण बन गए हैं. रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर मध्य प्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जाने वाले लगभग 5 हजार से अधिक श्रमिकों ने सीमा पर लगे बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और फिर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सीमा में दाखिल हो गए. इस दौरान वहां मौजूद प्रशासन की व्यवस्थाएं फेल होती नजर आईं.
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अलग-अलग शहरों से प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला जारी है. हजारों की संख्या में मजदूर पैदल अपने घरों को लौट रहे हैं. लेकिन आज उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर सभी जगह मजदूरों को प्रशासन ने रोक दिया है. रीवा के चाकघाट में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर भी आज भारी संख्या में प्रवासी इकट्ठा हो गए, लेकिन यूपी प्रशासन ने उन्हें राज्य में आने की अनुमति नहीं दी.
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रीवा के कमिश्नर और आईजी ने रीवा चाकघाट में यूपी के बारा एसडीएम से प्रवासियों के प्रवेश को लेकर चर्चा. रीवा कमिश्नर डॉक्टर अशोक कुमार भार्गव, रीवा जोन के पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर ने चाकघाट सीमी में उत्तर प्रदेश के बारा एसडीएम से प्रवासी मजदूरों को यूपी ले जाने के लिए बातचीत की. लेकिन बातचीत के बाद भी प्रयागराज डीएम ने 40 बसें नही भेजी. जिसके बाद गुस्साए 5 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने सीमा पर लगे बैरिकेटिंग के तोड़ दिया और उत्तर प्रदेश सीमा में घुस गए.
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