कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से आगे बढ़ने लगे हैं. महाराष्ट्र ही नहीं अब अन्य राज्यों में भी कोरोना के बढ़ते मामले सरकार के सामने परेशानी का सबब बन रहे हैं. हाल के हफ्तों में कम से कम छह राज्यों में कोरोना से सबसे ज्यादा बढ़ते मामले देखे गए हैं. वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए, सरकार की चिंता बढ़ गई है. महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीमों को तैनात किया गया है ताकि वे निगरानी, नियंत्रण में स्थानीय सरकारों की मदद करें. इतना ही नहीं दिल्ली और मध्यप्रदेश में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
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केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु की पहचान उन छह राज्यों के रूप में की है जिन्होंने हाल के सप्ताहों में नए मामलों में उछाल देखा है. ये छह राज्य सामूहिक रूप से शनिवार को रिपोर्ट किए गए 18,711 नए दैनिक मामलों के 84.7% के लिए जिम्मेदार थे. 6 जनवरी के बाद से मामलों में एख दिन के भीतर आने वाला यह सबसे बड़ा उछाल था. सरकारी विशेषज्ञों ने बताया कि "विशेष रूप से कोरोना टेस्टिंग में आई कमी, उसमें भी आरटी-पीसीआर का कम इस्तेमाल, पॉजीटिव मामलों की ट्रेसिंग, और शादी के मौसम के दौरान लगने वाली भीड़ कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे कुछ कारण रहे हैं. देश में दो महीने में नए कोविड -19 संक्रमण में एक दिन में सबसे ज्यादा उछाल देखे जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टिप्पणियां आई हैं.
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मामलों में आए इस उछाल ने लोगों के मन में कोरोना वायरस की दूसी लहर के आने की शंका पैदा कर दी है. यह शंका भी ऐसे समय में पैदा हो रही है जब भारत सरकार ने टीकाकरण अभियान आम लोगों के लिए भी खोल दिया है. 20.2 लाख संक्रमण और 52,000 से अधिक मौतों के साथ भारत का सबसे हिट राज्य महाराष्ट्र है जो एक बार फिर से देश में सबसे नए संक्रमणों की रिपोर्ट कर रहा है - राज्य ने रविवार को 11,141 नए मामले दर्ज किए. इसके बाद केरल है, जो 10.7 लाख मामलों के साथ दूसरा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जिसने 2,100 नए संक्रमण दर्ज किए और पंजाब की बात करें तो यहां रविवार को 1,051 नए मामले सामने आए.
Source : News Nation Bureau