पश्चिम बंगाल की में भारत-बांग्लादेश की खुली सीमाएं भारत के लिये खतरा पैदा कर रही है। ये सीमाएं बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन और पाकिस्तान के आईएसआई के आतंकियों के भारत में घुसपैठ करने की राह आसान कर रही हैं।
सीआईडी ऑफिसर ने बताया, 'पश्चिम बंगाल की सीमा जगह-जगह पर खुली हुई हैं। जिससे उन्हें भारत में घुसने में आसानी होती है और वे देश के दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। ये नया नहीं है। राज्य इन आतंकियों के लिये सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।'
उन्होंने बताया कि आतंकी संगठन आईएस, जेबीएम और आईएसआई कार्यकर्ताओं को शामिल भी कर रहे हैं और उन्हें ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।
कोलकाता पुलिस की सेपशल टास्क फोर्स ने हाल ही में जेबीएम के छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से चार 2014 में हुए खगरागढ़ धमाके मामले में वांटेड की लिस्ट में शामिल हैं।
सीआईडी अधिकारी ने बताया, 'बेरोज़गारी की स्थिति के कारण ये संगठन लोगों को आसानी से अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं। इन संगठनों के पास रिक्रूटमेंट सेल भी है जो इस तरह के संभावित युवाओं को जो पढ़ रहे होते हैं या फिर नौकरी की तलाश में होते हैं उन्हें संगठन में शामिल करते हैं।'
उन्होंने बताया कि इस संबंध में सोशल साइट्स भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया, 'सोशल साइट्स के माध्यम से किसी का भी बॉडी प्रोफाइल हज़ारों किलोमीटर दूर से ही स्कैन किया जा सकता है और संभावित कार्यकर्ता का चुनाव किया जा सकता है। इसके बाद लोकल एजेंट के माध्यम से शामिल करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है।'
अधिकारी ने दुर्गापुर से मार्च में गिरफ्तार हुए 18 साल के आईएसआईएस आतंकी का भी उदाहरण भी दिया। इसके अलावा एक आतंकी को कोलकाता के बार क्लब से भी गिरफ्तार किया। इन घटनाओं से साफ है कि आतंकी संगठनों का नेटवर्क देश में फैल रहा है।
Source : News Nation Bureau