जम्मू एवं कश्मीर में रविवार को भारतीय सेना ने घुसपैठियों के एक सशस्त्र समूह के घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया।
घुसपैठ की यह कोशिश पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता संभालने के बाद और पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (LOC) सहित सीमा पार से हो रही किसी भी तरह के घुसपैठ को रोकने का संकल्प लिए जाने के बाद हुई है।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बाबत जानकारी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश कालिया ने कहा, 'आतंकवादी उड़ी सेक्टर के कस्तूरी नार इलाके में मारा गया, जहां सुरक्षा अभियान चल रहा है।'
आतंकवादी के मारे जाने के बाद घंटों तक सुरक्षा अभियान जारी रहा।
यह मुठभेड़ शनिवार को नियंत्रण रेखा पर तीन आतंकवादियों के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में मारे जाने के बाद हुई।
महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों देशों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने के बाद गुरुवार को भारत और पाकिस्तान की सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने बात की थी।
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पाकिस्तान के मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के आदेश पर महानिदेशक सैन्य संचालन (डीजीएमओ) स्तर की वार्ता आयोजित की गई।
भारतीय सेना द्वारा 16 अगस्त को एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तानी कमांडर ने वादा किया था कि उनकी सेना नियंत्रण रेखा के पास शत्रु तत्वों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगा और भारतीय पक्ष द्वारा साझा की गई जानकारी का जवाब देगा, जिससे आतंकवाद रोधी अभियान के संचालन में सुविधा होगी।
यह आश्वासन भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान द्वारा स्पष्ट रूप से कहने के बाद आया कि आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ का प्रयास चिंता का एक प्रमुख कारण है और पाकिस्तान (समकक्ष) को सूचित किया कि पीर पंजाल पर्वत श्रृंखलाओं के उत्तर में घुसपैठ की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।
सेना के बयान में कहा गया कि पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा के पास स्थित लॉन्च पैड से घुसपैठ को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।
रविवार को सेना के एक सूत्र ने बताया कि कुछ भी नहीं बदला है। भारतीय पक्ष हालांकि पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर शांति के लिए प्रयास करना जारी रखेगा।
सूत्र ने कहा कि डीजीएमओ स्तर की वार्ता में घुसपैठ के प्रयासों का मुद्दा उठाया गया था। उसने कहा, 'कल तंगधार और आज उड़ी में घुसपैठ की कोशिश हुई। वार्ता में हम घुसपैठ के मुद्दे पर जोर दे रहे हैं। यह एक मुद्दा था और आज भी बना हुआ है। हम हर दिन घुसपैठ के प्रयास को नाकाम कर रहे हैं। कुछ भी नहीं बदला है।'
बता दें कि शनिवार को भी सेना ने जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को मार गिराया था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने 2017 में कुल 206 आतंकियों को मार गिराया था। जबकि 75 अन्य को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी किया गया था। साल 2018 में भी सेना पूरे एक्शन में है और अबतक कई आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकामयाब किया जा चुका है।
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Source : IANS