जम्मू-कश्मीर: पुलिस का दावा उपद्रवी और आतंकी बना रहे हैं भय का माहौल

सोमवार को आतंकियों ने गोनी खान बाजार में ग्रेनेड हमला किया जिसमें एक विक्रेता की मौत हो गयी जबकि 35 अन्य घायल हो गए.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
जम्मू-कश्मीर: पुलिस का दावा उपद्रवी और आतंकी बना रहे हैं भय का माहौल

जम्मू-कश्मीर पुलिस( Photo Credit : फाइल)

Advertisment

कश्मीर में उपद्रवी और आतंकवादी अघोषित बंद के खिलाफ किसी भी आवाज को दबाने के लिए डर का माहौल पैदा कर रहे हैं. पुलिस ने कश्मीर में बंद के चौथे महीने में प्रवेश करने पर बुधवार को यह बात कही. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उन इलाकों में बंद लागू करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं जहां दुकानें खुली हैं या पटरियों पर विक्रेता सामान बेच रहे हैं. शांति विरोधी तत्व लोगों को घरों के भीतर रखने की कोशिश कर रहे हैं.’’ अधिकारी ने बताया कि शहर के व्यस्त गोनी खान बाजार और काका सराय इलाकों में दो ग्रेनेड हमले इस बात का संकेत हैं कि बंद को जारी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

सोमवार को गोनी खान बाजार में ग्रेनेड हमले में एक विक्रेता की मौत हो गयी जबकि 35 अन्य घायल हो गए. वहां बाजार बंद करने के लिए खुद से तय की गयी समयसीमा यानी कि दोपहर 12 बजे के बाद भी दुकानें खुली थीं. काका सराय में पिछले सप्ताह हमले में छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. इन इलाकों में बंद का उल्लंघन करने वाली कई दुकाने आग लगने की रहस्यमयी घटनाओं में क्षतिग्रस्त हो गईं. पुलिस का कहना है कि ‘शॉर्ट सर्किट’’ के कारण आग लगी लेकिन कुछ दुकान मालिकों को शरारती तत्वों पर शक है.

हाल ही में बटमालू में आग लगने की घटना में क्षतिग्रस्त हुई एक दुकान के मालिक ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हम पहले ही अपनी पूंजी गंवा चुके हैं...मैं अब कोई शारीरिक नुकसान नहीं चाहता.’’ कश्मीर में शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन और पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं. स्कूल खोलने की सरकार की कोशिशें रंग नहीं ला रही हैं क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. बहरहाल, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हो रही है.

एक बस चालक एजाज अहमद भट ने कहा, ‘‘बंद के कारण पहले ही हम भारी नुकसान उठा रहे हैं लेकिन अगर हम अपने वाहन सड़कों पर ले जाते हैं तो और बड़ा नुकसान हो सकता है. किसी यात्री वाहन पर फेंका गया एक पत्थर हजारों रुपये का नुकसान कर सकता है.’’ भट ने कहा कि वह गुजारे के लिए मजदूर के तौर पर काम कर रहे है लेकिन उससे खर्चें पूरे नहीं होंगे. उसने कहा, ‘‘मुझे वाहन की कर्ज की किस्त चुकानी है और मैं इन दिनों कुछ खास नहीं कमा पा रहा हूं. मुझे कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बस बेचनी पड़ सकती है.’’

सरकार द्वारा पिछले महीने प्रतिकूल परामर्श हटाने के बाद कश्मीर घाटी में कुछ पर्यटक लौटें हैं. पिछले कुछ दिनों में उनके वाहनों पर पथराव की छिटपुट घटनाएं हुई हैं. घाटी में संचार सुविधाओं पर आंशिक रोक लगे 94वें दिन हो गए हैं. लैंडलाइन और पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी गई है लेकिन सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से निलंबित हैं. सबसे ज्यादा कुरियर सेवाएं प्रभावित हुई हैं. यहां एक कुरियर सेवा चलाने वाले एम ए मीर ने कहा, ‘‘इंटरनेट सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण कारोबार रुक गया है. लोग ऑनलाइन खरीददारी नहीं कर पा रहे हैं इसलिए डिलीवरी करने के लिए कुछ है ही नहीं.’’ 

अधिकतर अलगाववादी नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया है जबकि दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या नजरबंद किया गया है. सरकार ने विवादास्पद जन सुरक्षा कानून के तहत पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में ले रखा है.

Source : भाषा

Jammu and Kashmir kashmir police Terrorists Terror Organisation
Advertisment
Advertisment
Advertisment