पाकिस्तान के पाप की सजा भारतीय सेना बॉर्डर उसे देती रहती है, लेकिन पाकिस्तान है कि दरिंदगी करने से बाज नहीं आता है. जहां पाक की 'बैड सेना' बॉर्डर पर अपनी दरिदंगी, हैवानियत दिखाती है. वहीं, उनके चहते आतंकवादी संगठन भी कुछ ऐसा ही मंसूबा पाले रखते है. दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को पुलवामा आतंकी हमले का वीडियो तैयार करने के लिए कहा था. जिसमें भारतीय सैनिकों के विकृत (क्षत-विक्षत) शरीर दिखें, ताकि वीडियो की मदद से कश्मीरी युवाओं को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके.
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जम्मू में विशेष एनआईए (NIA) कोर्ट में दायर 13,800 पन्नों के चार्जशीट में यह खुलासा किया गया. इस चार्टशीट में जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक (आईसी 814 फ्लाइट अपहरणकर्ता इब्राहिम अतहर का बेटा) के साथ 19 लोगों के नाम शामिल हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ करने वाले और पुलवामा हमले की साजिश में शामिल फारूख ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स से भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शवों की वीडियो क्लिप तैयार करने के लिए कहा था. बताया जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर को 'शहीद' करार देते हुए कश्मीरी युवाओं को बरगलाते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की योजना थी.
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आतंकवादी घाटी में युवकों को प्रेरित करने के लिए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार पर कश्मीरी भाषा में एक ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाना चाहते थे, जिसने विस्फोटकों से भरी कार से 14 फरवरी 2019 को सुरक्षा काफिले की बस में टक्कर मार दी थी. मैसेज को पाकिस्तानी सिम काडरें में व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप के रूप में साझा किया गया था, जिसे फारूक ने भारत में घुसने के बाद इस्तेमाल किया था.
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जेईएम कमांडरों ने मार्च 2019 में सुरक्षा काफिले पर पुलवामा जैसे एक और हमले की भी योजना बनाई थी और यहां तक कि इसके लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ 'फिदायीन' (आत्मघाती हमलावर) की पहचान भी की गई थी, लेकिन 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद योजना फेल हो गई.
बता दें कि पुलवामा जिले के लेथपोरा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसमें हमलावर की भी मौत हो गई थी.
बताया जा रहा है कि जैश आतंकियों को बुरहान वानी के समर्थन (सपोर्ट) के बारे में भी अच्छी तरह से पता था. जिसे आठ जुलाई 2016 को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मार गिराया गया था. उस समय वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के खिलाफ तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काफी प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी देखने को मिली थी.
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चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलवामा हमले के लिए 5.7 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जिसका खुलासा फारूक और पाकिस्तान में एक जेईएम हैंडलर के बीच हुई बातचीत (चैट) में हुआ. मसूद अजहर के भाई असगर ने भी बालाकोट हमले के बाद फारूक से कश्मीर में लड़ाकू जेट की आवाजाही के बारे में भी पूछा था. चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक अपने सहयोगियों से कह रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होना चाहिए, ताकि सीमा पर घुसपैठ करने वालों को भारत भेजा जा सके.
Source : IANS