कृषि कानून के खिलाफ 62 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर छावनी बना कर आंदोलन कर रहे किसानों का साहस अब टूटता दिखाई दे रहा है. किसान संगठनों में दो फाड़ हो चुकी है. धीरे-धीरे किसान संगठन आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर रहे है. सबसे पहले किसान आंदोलन खत्म करने की घोषणा किसान नेता वीएम सिंह ने की. जो गाजीपुर बॉर्डर पर डटे थे, लेकिन अब वह धरनास्थल छोड़कर वापस जा रहे हैं. वहीं, इनके बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया. जिसका असर भी दिखाई देने लगा.
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भारतीय किसान यूनियन (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के आंदोलन खत्म करने की घोषणा का असर भी दिखाई देने लगा है. कुछ किसानों को चिल्ला सीमा पर अपना टेंट हटाते हुए देखा गया. किसान धीरे-धीरे अपना अपनी बोरिया-बिस्तारा बांधकर वापस जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी किसानों को अपना टेंट हटाते दिखाई दे रह है.
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दरअसल, कुछ संगठन किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के विरोध में प्रदर्शन को समाप्त कर रहे है. इस वजह से अब आगे आंदोलन जारी नहीं रहेगा. बता दें कि गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हंगामा और हिंसा के बाद किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने BKU के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को किसान आंदोलन से अलग करने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि हम अपना आंदोलन अब यहीं पर खत्म करते हैं. हमारा संगठन किसान आंदोलन से अलग है.
Source : News Nation Bureau