रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Vladimir Putin to visit India ) और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के बीच 6 दिसंबर (रविवार) वार्ता के बाद दोनों देश कुछ सेमी-कांफिडेंशियल सहित 10 द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तखत करेंगे. रूसी समाचार एजेंसी तास से बात करते हुए पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच करीब 10 द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तखत किए जाएंगे. दोनों देशों के लिए यह काफी अहम हैं. उन्होंने बताया कि इनमें कुछ समझौते सेमी-कांफिडेंशियल भी हैं और उनको लेकर फिलहाल आखिरी दौर का काम चल रहा है. उन्होंने यकीन जताया कि पुतिन की भारत यात्रा के दौरान सभी समझौतों पर दस्तखत किए जाएंगे.
समझौतों को आखिरी रूप दिया जाना जारी होने की वजह से उशाकोव ने उनका नाम लेने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने बताया कि अधिकतर समझौते विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
दो साल के बाद इन-पर्सन बैठक करेंगे विश्व के दो बड़े नेता
भारत-रूस के बीच 21वें सालाना शिखर सम्मेलन के लिए 6 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली पहुंच रहे हैं. करीब 2 साल के बाद वह दुनिया के दो बड़े नेता आमने-सामने बैठेंगे. ब्रासीलिया में नवंबर 2019 में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी की यह पहली इन-पर्सन बैठक होगी. स्पुतनिक का हवाला देते हुए उशाकोव ने बताया कि हालांकि इसके पहले कोविड-19 के प्रकोप के कारण प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने वर्चुअल तरीके से एक-दूसरे से बात की है.
2+2 बैठकों के साथ होगी पहले दिन की शुरुआत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पुतिन की भारत यात्रा से पहले कहा कि दोनों देशों के रक्षा और विदेश मामलों के मंत्रियों के बीच 6 दिसंबर को नई दिल्ली में कई दौर की बैठक होने वाली है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु दिन की बैठकों की शुरुआत करेंगे. इनके समानांतर सैन्य-तकनीकी सहयोग पर इंटरगवर्नमेंटल कमीशन के सह-अध्यक्षों की बैठक से भी दिन की शुरुआत होगी.
पहले दिन ही दोपहर में 21वां सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन होगा. इसमें द्विपक्षीय संबंधों की संभावनाओं की समीक्षा की जाएगी. दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे. अरिंदम बागची ने बताया है कि पुतिन और पीएम मोदी इस मौके पर आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत कर सकते हैं.
पुतिन-पीएम मोदी की बैठक में हो सकते हैं ये अहम मुद्दे
भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने शनिवार को पुतिन के इस दौरे की अहमियत बताई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की टीमें शिखर बैठक के परिणामों पर चर्चा कर रही हैं. आज यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों नेताओं का साझा राजनीतिक बयान सबसे बड़ा, बेहद अहम और व्यापक दस्तावेज साबित होगा. इसमें हमारे संबंधों के सभी आयाम होंगे. इसकी शुरुआत वैश्विक मामलों से होगी. आधुनिक दुनिया में संयुक्त राष्ट्र की की भूमिका की चर्चा होगी. इसके बाद इसमें अफगानिस्तान समेत क्षेत्रीय मुद्दे शामिल होंगे.
कोविड-19 से जंग के अलावा साझा बयान में इन मुद्दों पर होगी राय
रूसी राजदूत ने कहा कि इस मौके पर जारी होने वाले साझा बयान में कोविड को लेकर चिंता भी शामिल होगी. मगर इनसे ज्यादा महत्व द्विपक्षीय संबंधों, हमारे रिश्तों को नए आयाम देने, नई तकनीकों, विचारों, लोगों और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध पर भी जोर होगा.
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निकोलाई कुदाशेव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का दौरा असाधारण होगा. आमतौर पर ऐसी यात्राओं में द्विपक्षीय सहयोग को गति देने, आर्थिक और व्यावहारिक समझौतों जैसी उम्मीदें होती हैं, लेकिन ये सब सामान्य आयाम हैं. इनके अलावा भी इस दौरे में कई अहम बातें होंगी. यात्रा के दौरान दोनों देशों के रिश्तों को नए आयाम मिलेंगे. कई समझौते, ज्ञापन और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर दोनों देशों की साझा राय जाहिर की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2019 के बाद पुतिन और पीएम मोदी की पहली इन-पर्सन बैठक
- पहले दिन ही दोपहर में 21वां सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन होगा
- भारत और रूस के बीच करीब 10 द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तखत किए जाएंगे