Pranab Mukherjee Dies : देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया. यह जानकारी उनके पुत्र अभिजीत ने दी. मुखर्जी 84 वर्ष के थे. मुखर्जी को गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज सुबह जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया कि वह गहरे कोमा में हैं और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है.
अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया कि भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया. आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं. आइए जानते हैं उनके वो बड़े फैसले, जिन्हें पूरा देश हमेशा याद रखेगा.
· 2019 में प्रणब को भारत रत्न मिला.
· 25 जुलाई 2012 को देश के 13वें राष्ट्रपति चुने गए.
· प्रणब मुखर्जी भारत रत्न प्राप्त करने वाले 5वें राष्ट्रपति थे .
· 13वें राष्ट्रपति के पद पर नियुक्ति के बाद प्रणब मुखर्जी ने सात दया याचिकाएं खारिज की थीं.
· अफजल गुरु और अजमल कसाब को प्रणब द्वारा दया याचिका ख़ारिज किये जाने के बाद ही फांसी हुई थी.
· याकूब मेमन की मौत की सजा पर भी प्रणब ने ही मुहर लगाई.
· प्रणब मुखर्जी ने हत्या और बलात्कार के दोषी पाए गए 28 लोगों की फांसी की सजा को बरकरार रखा.
· अपने कार्यकाल में उन्होंने चार लोगों को क्षमादान भी दिया.
· प्रणब दा एक ऐसे राष्ट्रपति थे जो ज्यादा से ज्यादा काम ही करते रहते थे.
· उनके बारे में आम धारणा थी कि वो मुश्किल से कभी छुट्टी लेते थे.
· वो सिर्फ दुर्गा पूजा के दौरान अपने गांव मिराती जाते थे.
· प्रणब दुर्गापूजा पर हर साल अपने गांव जाते थे.
· राष्ट्रपति रहने के दौरान वे नवमी के दिन दिल्ली पहुंच जाते थे और अपने बेटे को पूजा का बाक़ी काम करने की हिदायत दे कर आते थे.
· राष्ट्रपति के रूप में प्रणब दा का कार्यकाल काफी हद तक गैर-विवादास्पद रहा.
· अपने कार्यकाल में उन्होंने लीक से हट कर कई फैसले लिए.
· राष्ट्रपति के नाम के साथ लगाए जाने वाले महामहिम शब्द को खत्म किया.
· औपनिवेशिक काल के ‘हिज एक्सेलेंसी’ या महामहिम जैसे आदर-सूचक शब्दों को अब प्रोटोकॉल से हटा दिया गया है.
· प्रणब ने शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति भवन परिसर में बने स्कूल में छात्रों को पढ़ाया भी.
· प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन मे एक संग्रहालय का भी निर्माण करवाया जहां आम लोग अपनी इस विरासत और राष्ट्रपति भवन के एक निश्चित हिस्से को भी देख सकते हैं. इसमे दृष्टि बाधित और दिव्यांगों के लिए खास प्रबंध किए गए हैं.
· राष्ट्रपति रहते प्रणब मुखर्जी ने राजनीतिक जुड़ाव से दूर रह कर काम किया.
· देश की राजनीतिक परिस्थितियों से वो खुद को अवगत रखते थे.
· विभिन्न मुद्दों पर सभी पार्टियों के सांसद उनसे मिलते रहे.
· सभी पार्टियों के नेताओं के लिए भी उन्होंने राष्ट्रपति भवन के दरवाजे खुले रखे.
· 2014 के बाद नई सरकार से अच्छे संबंध बनाने में सफल रहे.
· बीजेपी की सरकार के साथ उन्होंने बिना किसी टकराव के काम किया.
· प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया भी किया था.
· पीएम मोदी ने कहा था की प्रणब दा ने उनका ऐसे ख्याल रखा जैसे कोई पिता अपने बेटे का रखता है.
Source : News Nation Bureau