Cyclone Bulbul: केंद्र ने गुरुवार को राज्यों से कहा कि चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' से निपटने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि जानमाल का नुकसान कम से कम हो. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों को भरोसा दिया कि 'बुलबुल' के कारण पैदा होने वाले हालात में केंद्र द्वारा सभी जरूरी सहायता मुहैया कराई जाएगी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मिश्रा ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करने की सलाह दी है कि जानमाल का नुकसान कम से कम हो.
बैठक में चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई. बयान में कहा गया कि यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यक्त की गई चिंता के मद्देनजर बुलाई गई थी. बैठक में भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने तूफान 'बुलबुल' के बारे में विस्तृत पूर्वानुमानों के बारे में बताया. चक्रवात ‘बुलबुल’ के प्रभाव क्षेत्र में हवा की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई और जबकि केंद्र में इसकी गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे है. मौसम विभाग के एक वैज्ञानिक ने बताया कि अगर यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होता है तो इसकी अधिकतम गति 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच जाएगी और तूफान के केंद्र में गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.
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इसके पहले मौसम विभाग ने जानकारी दी थी कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ अगले 24 घंटे में खतरनाक रूप ले सकता है. मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ओडिशा से होते हुए पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों की तरफ बढ़ने वाला है. भुवनेश्वर मौसम केंद्र के निदेशक एच आर बिश्वास के मुताबिक सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा चक्रवात ‘बुलबुल’ फिलहाल पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप से 830 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और ओडिशा के पारादीप से 730 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर है.
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ऐहतियात के तौर पर, ओडिशा सरकार ने सभी जिला प्रशासनों से चक्रवात की प्रत्येक हलचल पर करीब से नजर रखने को कहा है क्योंकि इसके चलते कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के 30 में से करीब 15 जिलों को संभावित जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात पर करीब से नजर रखी जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसकी सटीक दिशा क्या है और यह कहां दस्तक देगा.